Nawaz Sharif पर देशद्रोह के मामले को लेकर घिरे इमरान खान, कहा- मेरा कोई लेना देना नहीं ये दोनों देशों के बीच यह अब तक की सबसे बड़ी डील मानी जा रही है। इन हथियारों में क्रूज मिसाइल, बारुदी सुरंगें और अन्य सैन्य साजो सामान को रखा गया है। इस सौदे में खास हथियारों में MQ-9B रीपर ड्रोन विमान भी हैं। अत्याधुनिक ड्रोन पर ताइवान 40 करोड़ डॉलर खर्च करने की तैयारी कर रहा है।
इस डील मिलाने के बाद अमरीका में ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में अब तक ताइवान कुल 15 अरब डॉलर के हथियार खरीद चुका है। ओबामा प्रशासन के आठ साल के कार्यकाल के दौरान भी ताइवान ने 14 अरब डॉलर के हथियार खरीद चुका है। ताइवान ने अब तक अमरीका से टैंक खरीदे थे,लेकिन अब क्रूज मिसाइलों और ड्रोन तक डील पहुंच चुकी है।
डील को देखते हुए चीन भी अलर्ट इस डील के चीन डरा हुआ है। वह अलर्ट हो गया है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि अगर अमरीका डील को अनुमति देता है तो चीन ताइवान पर कब्जे में भी ले सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस डील से चीन अपने ताइवान पर कब्जे का दावा कर सकता है। उनका कहना है कि इस डील से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कोई बढ़ा फैसला ले सकती है।