विवाह अधिकारों की मांग की थी सरकार ने पहले कहा था कि शनिवार को हुआ जनमत संग्रह न्यायालय के फैसले के लिए जरूरी बदलावों को लाने से प्रभावित नहीं होगा। रूढ़िवादी समूहों ने पूछा कि क्या ताइवान के नागरिक संहिता में एक आदमी और एक महिला के बीच विवाह को एक यूनियन के रूप में परिभाषित करने को लेकर कोई बदलाव नहीं होना चाहिए, जबकि लेस्बियन, समलैंगिक, बाइसेक्शुअल, और ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) एक्टिविस्ट्स ने समान विवाह अधिकारों की मांग की थी।
रूढ़िवादियों को भारी समर्थन मिला प्रारंभिक परिणामों ने दर्शाया कि रूढ़िवादियों को भारी समर्थन मिला, जबकि समलैंगिक अधिकार वाले कार्यकर्ता विफल रहे। अधिकारियों को अब नागरिक संहिता में बदलाव किए बिना एक विशेष कानून पारित किए जाने की उम्मीद है। अभियान चलाने वालों को डर है कि संभावित कानून कमजोर होगा। ताइवानी मीडिया ने कहा कि एक संभावित परिणाम यह हो सकता है कि समलैंगिक जोड़ों को कानूनी सुरक्षा दी जाएगी लेकिन शादी करने की अनुमति नहीं है।