ब्रह्मोस को चुनौती देने के लिए चीन ने बनाई नई मिसाइल, पाकिस्तान को भी मिलेगी तकनीक
चीन को मिलेगा जवाबताइवान के रक्षा मंत्रालय के प्लानिंग डिवीजन के प्रमुख मेजर जनरल येह कुओ-हुई ने बुधवार को यह जानकारी दी। आपको बता दें कि 1949 के दौरान गृह युद्ध में चीन से अलग होकर ताइवान अलग देश बना था। उसके बाद भी चीन इस स्वायत्त द्वीप पर अपना दावा करता है। चीन अब भी इस द्वीप पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। चीन का मानना है कि भविष्य में ताइवान उसका हिस्सा बन जाएगा। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह चीन और ताइवान के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी बयानबाजी हुई थी और दोनों देशों के प्रमुखों ने ‘एक दूसरे को देख लेने’ तक की धमकी दी थी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तो यहाँ तक कहा कि जरूरत पड़ने पर ताइवान में सेना का इस्तेमाल किया जा सकता है। उसके बाद ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने जिनपिंग के दोनों देशों के एकीकरण के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। इस बारे में ताइवान का कहना है कि चीन को अब उसकी मौजूदगी स्वीकार कर लेनी चाहिए और और स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे देनी चाहिए।
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