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अफगानिस्तान: तालिबान के जहर ने फिर बरपाया कहर, 48 स्कूली छात्राओं की हालत गंभीर

Published: Apr 03, 2018 09:31:45 am

Submitted by:

Dhirendra

एक बार फिर तालिबान ने अफगानिस्‍तान की कन्‍या शिक्षा के खिलाफ दुनिया को अपना क्रूर चेहरा दिखाया।

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नई दिल्ली। अफगानिस्‍तान में एक बार फिर तालिबान का क्रूर चेहरा सामने आया है। इस बार ताबिलबान ने दक्षिणी हेलमंद प्रांत के सामूहिक रूप से एक हाई स्कूल में कम से कम 48 स्कूली छात्राएं जहर देने का काम किया है। इन छात्राओं की हालत गंभीर है और स्‍थानीय अस्‍पताल में उनका इलाज चल रहा है। आपको बता दें कि तालिबान कन्‍या शिक्षा का विरोध है। एक दौर में उसने पूरे अफगानिस्‍तान में कन्‍या शिक्षा और महिलाओं के शिक्षण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। नोबेल पुरस्‍कार से सम्‍मानित स्‍वात घाटी मलाला को भी इन्‍हीं आतंकियों ने गोली मारी थी। जिस प्रांत में इस घटना को इस आतंकी संगठन ने अंजाम दिया है वो हिस्‍सा तालिबान के नियंत्रण में आता है।
सामूहिक हत्‍या की मंशा
अफगानिस्‍तान के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि दक्षिणी हेलमंद प्रांत के एक हाई स्कूल में लगभग 48 स्कूली छात्राएं जहर दिए जाने के कारण बीमार हो गई हैं। अधिकारियों को संदेह है कि तालिबान ने सामूहिक रूप से जहर देने के काम को अंजाम दिया है। डॉ. निसार अहमद बराक ने कहा कि छात्राओं को लश्कर गृह स्थित उनके अस्पताल में आज भर्ती कराया गया है। जहर खाने के बाद बीमार हुई छात्राओं ने सर दर्द और उलटी की शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि अभी छात्राओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। बराक ने बताया कि अभी इस बात कि पुष्टि नहीं हो पाई है कि छात्राओं को किस तरह का जहर दिया गया है। फ़िलहाल जांच जारी है। जल्द ही हम उस जहर की पहचान कर लेंगे। उन्होंने कहा कि छात्राओं की हालत को देखते हुए लग रहा है कि जहर ज्यादा असरकारक नहीं था। या यह भी हो सकता है कि काफी कम मात्रा में जहर दिया गया हो.
97 फीसद महिलाएं अवसाद की शिकार
दक्षिणी हेलमंद प्रांत के शिक्षा विभाग के उप- निदेशक अहमद बिलाल हकबीन ने कहा कि पीड़ित छात्राएं शहर के सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में 11 वीं कक्षा में पढ़ती हैं। यहां पर पढ़ाई करने वाली लड़कियों को आतंकी संगठन तालिबान द्वारा इस्लामी कानून शरीयत का उलंघन करने पर बहुत ही क्रूर सजा दी जाती है। एक सर्वे के मुताबिक तालिबान के अत्‍याचार से 97 फीसदी अफगानी महिलाएं अवसाद की शिकार हैं। तालिबान लड़कियों की शिक्षा का विरोध करता है और तालिबानी इलाकों में घर में गर्ल्स स्कूल चलाने वाली महिलाओं को उनके पति, बच्चों और छात्रों के सामने गोली मार दी जाती है। अफ़ग़ानिस्तान का हेलमंद इलाका भी तालिबान के नियंत्रण में है।
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