अमरीका को दिया ऑफर
अखुंदजादा ने कहा, “हमने इस उद्देश्य के लिए आपसी समझ और बातचीत के दरवाजे खुले रखे हैं और इस संबंध में विशेष गतिविधि के लिए इस्लामी अमीरात का राजनीतिक कार्यालय नियुक्त कर रखा है।” यह प्रस्ताव ऐसे समय में सामने आया है, जब अफगानों के नेतृत्व में सुलह के लिए बातचीत शुरू करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, तालिबान अब तक अफगान की अगुवाई वाली बातचीत के किसी भी रूप में भाग लेने से इनकार करता रहा है।
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तालिबान ने अमरीका के सामने रखी ये शर्त
स्थानीय मीडिया के अनुसार, तालिबान का सर्वोच्च नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा ने कहा कि अमरीकी अधिकारियों की तरफ से सबसे बड़ी गलती यह है कि वे हर समस्या के साथ अड़ियल रवैया अपनाते हैं, लेकिन सेना हर मामले में परिणाम नहीं दे सकती।” उसने कहा कि, “इन सभी आपदाओं से खुद को बचाने का एकमात्र रास्ता यही है कि सभी अमरीकी और यहां काबिज अन्य सेनाएं हमारे देश को छोड़ दें, ताकि यहां एक स्वतंत्र, इस्लामिक, शुद्ध अफगानी सरकार की जड़ें मजबूत हों।”