51 मिलियन मतदाताओं ने किया वोट
बता दें कि इस चुनाव में पांच करोड़ 10 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। थाइलैंड के चुनाव आयोग की ओर से जारी एक आकंड़ों से पता चलता है कि 2014 में तख्तापलट करने के बाद से हो रहे पहले चुनाव में सेना समर्थित पार्टी ने बढ़त बना ली है। हालांकि 89 प्रतिशत मतों की गणना के साथ पलंग प्रखरत पार्टी के पास 7 मिलियन और फेय थाई के पास 6.6 मिलियन वोट हैं। जबकि नई पार्टी फ्यूचर फॉरवर्ड जो कि युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है, लगभग 4.8 मिलियन वोट मिलने के अनुमान हैं। इन सबके बीच यह कहा जा रहा है कि वोटों की गिनती से पहले सैन्य प्रमुख और प्रधानमंत्री प्रयुथ चान के पास 250 सदस्यीय वाली जुंटा सीनेट की मदद से गठबंधन की सरकार बनाने का मौका है।
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सरकार बनाने के लिए 376 सदस्यों के समर्थन की जरूरत
बता दें कि थाईलैंड में सरकार बनाने के लिए 376 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। रविवार को हुए मतदान के लिए 77 प्रांतों में 93,200 मतदान केंद्र बनाए गए थे। 500 सीटों वाले हाऊस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए रविवार को मतदान हुए, लेकिन इनमें से सभी सीटों के लिए चुनाव नहीं हुए हैं। इनमें से कुछ सीटों पर सदस्यों का चुनाव सीधे होता है। थाइलैंड की नई संविधान के मुताबिक, हाऊस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 350 निर्वाचन सीट हैं, जिसके लिए रविवार को मतदाताओं ने अपने पसंदीदा पार्टियों के प्रतिनिधियों के लिए वोट किया। उच्च सदन के 250 सीट हैं, जिसके लिए सत्ताधारी पार्टी की ओर से सदस्यों को नियुक्त किया गया है। लेकिन पिछले संविधान के तहत सीनेट को केवल आंशिक रूप से नियुक्त किया गया था। अब 1978 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के 500 सदस्य नए प्रधानमंत्री का चुनाव करेंगे। पहले नीचले सदन का केवल एक सदस्य प्रधानमंत्री के लिए वोट करता था। अब सरकार बनाने के लिए पार्टियों या गठबंधन को कुल संख्या का 376 यानी 50 प्रतिशत से एक अधिक लाना होगा।
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