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एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिया ये विवादित बयान
डॉन के अनुसार, चौहान को अपनी गलती का एहसास तब हुआ, जब उनके बयान को प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद गंभीरता से लिया, पार्टी ने हालांकि इन खबरों को खारिज कर दिया। चौहान ने 24 फरवरी को लाहौर में एक कार्यक्रम में हिंदू समुदाय को ‘गो-मूत्र पीने वाले लोगों’ की संज्ञा दी थी। उन्होंने कहा था, “हम मुस्लिम हैं, हमारा झंडा है, जो मौला अली की बहादुरी का प्रतीक, हजरत उमर की वीरता का प्रतीक है। आपके (हिंदू) पास वह झंडा नहीं है, वह आपके हाथ में नहीं है।” उन्होंने कहा, “इस भ्रम में न रहें, जिसमें आप हमसे सात गुना बेहतर हैं। मूर्तिपूजकों, हमारे पास जो है वह आपके पास नहीं है।”
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सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो
बता दें कि फैयाज उल हसन का विवादित बयानों का वीडियो सोमवार को वायरल सोशल मीडिया में वायरल हो गया। उसको लेकर ट्विटर यूजर्स ने मंगलवार को ‘हैश सेकफयाजचौहान’ ट्रेंड कर सरकार से उन्हें उनके पद से हटाने की मांग की। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं के खिलाफ अपने बयान के लिए पीटीआई से आलोचना के बाद मंत्री ने माफी मांगी और कहा कि उन्होंने अपना बयान सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय मीडिया के लिए दिया था। उन्होंने कहा, “मैं नरेंद्र मोदी, रॉ और भारतीय मीडिया को बोल रहा था। वह बयान पाकिस्तान में रहने वाली किसी व्यक्ति के लिए नहीं था। मेरा संदेश भारतीयों के लिए था।” उन्होंने कहा, “मैंने किसी धर्म को नीचा नहीं दिखाया। मैंने जो कहा वह हिंदुत्व का हिस्सा हैं।”
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पीटीआई ने चौहान के बयान को बताया गलत
पीटीआई ने चौहान के बयान को गलत बताया और कहा, “हम किसी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कोई बयान नहीं सहेंगे।” राजनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री के विशेष सहयोगी नईमुल हक ने एक ट्वीट में कहा कि पीटीआई सरकार किसी भी वरिष्ठ मंत्री या किसी के भी द्वारा ऐसी गंदी बात नहीं सहेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भी ट्विटर पर कहा, “पाकिस्तान अपने झंडे में हरे के बराबर सफेद रंग को भी उतने गर्व से जगह देता है, हिंदू समुदाय के सहयोग को मानता है और अपने बरावर सम्मान देता है।”