तुर्कीः 18 जुलाई को हट सकता है दो साल से लगा आपातकाल, राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने दिए संकेत
चुनाव प्रचार के दौरान एर्दोआन ने आपातकाल खत्म करने की घोषणा की थी
आपको बता दें कि आपातकाल आमतौर पर तीन महीने के लिए लगाया जाता है। लेकिन तुर्की में 2016 में लगाया गया आपातकाल को अब पूरे दो वर्ष हो गए है। इससे पहले सरकार ने आपातकाल को हटाने की तारीखों को सात बार बढ़ा चुकी है। आपातकाल के दौरान तुर्की में करीब 80 हजार लोगों को हिरासत में लिया गया और करीब डेढ़ लाख लोगों को सरकारी नौकरी से हटा दिया गया। कुर्द समर्थक विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी के पूर्व नेता फिगेन युक्सेक्डाग और सेलाहातिन देमिर्तास अब भी जेल में है। नवंबर 2016 में उन्हें कुर्द लड़ाकों से संपर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि बीते दिनों तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि बहुत जल्द ही आपातकाल को हटा लिया जाएगा। अब जब राष्ट्रपति एर्दोआन एक बार फिर से चुनाव जीत चुके हैं तो लोगों में आशा जगी है कि आपातकाल हटा लिया जाएगा। साफ है कि सरकार के इसे आगे नहीं बढ़ाने के फैसले के बाद बुधवार को रात दस बजे (जीएमटी) इसकी समय सीमा पूरी होने के साथ ही इसका अंत हो जाएगा।
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विपक्ष का आरोप
आपको बता दें कि सरकार की इस फैसले पर विपक्षी दल ने गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्षी दल संसद में सरकार की ओर से पेश किए गए एक नए कानून को लेकर नाराज हैं। इसमें आपातकाल के कुछ बेहद कड़े प्रावधानों को जगह दी गई है। सरकार समर्थक मीडिया इस बिल को “आतंक निरोधी” बता रही है। आयोग के स्तर पर गुरुवार को और फिर संसद के पूर्ण सत्र में सोमवार को इस पर चर्चा होगी। प्रमुख विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी का कहना है कि नए उपाय एक तरह से आपातकाल ही लगाए रखेंगे। पार्टी के संसदीय गुट के प्रमुख ओजगुर ओजेल ने कहा, “इस बिल में जो उपाय बताए गए हैं, उनसे आपातकाल तीन महीने के लिए नहीं बल्कि तीन साल के लिए लग जाएगा। वे ऐसे दिखा रहे हैं जैसे आपातकाल हटाया जा रहा हो लेकिन वास्तव में यह जारी रहेगा।”
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क्या है नया प्रस्तावित बिल
आपको बता दें कि तुर्की की नई सरकार की ओर से संसद में पेश नए प्रस्तावित बिल को लेकर विपक्ष ने नाराजगी जताई है। इस नए बिल के मुताबिक अधिकारियों के पास अगले तीन वर्षों तक सरकारी कर्मचारियों को “आतंकवादी” गुटों से संपर्क रखने के आरोप में नौकरी से हटाने का अधिकार रहेगा। बता दें कि आपातकाल के दौरान यह प्रावधान है। नए बिल में यह भी कहा गया है कि खुली सार्वजनिक जगहों पर विरोध, धरना और प्रदर्शन पर सूर्यास्त के बाद रोक रहेगी, हालांकि अगर वे लोगों के कामकाज में बाधा ना डालें तो उन्हें मध्यरात्रि तक जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है। किसी भी संदिग्ध आरोपी को पुलिस 48 घंटे से 4 दिन तक हिरासत में रख सकती है। यदि किसी तरह से सबूत मिलने में देरी हो रही है तो इस अवधि को पुलिस दो बार बढ़ा सकती है।