इस भारी तबाही से निपटने के लिए जापान की शिंजो आबे सरकार ने पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। सरकार ने 27 हजार सैन्य बलों को तैनात किया है। साथ ही एडवाइजरी भी जारी की है। गंभीर होते हालात को देखते हुए 70 लाख से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है।
होंशू द्वीप में हगिबीस का तांड़व
सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने बताया है कि हगिबीस तूफान का कहर होंशू द्वीप के शहर चिबा अभी भी जारी है। जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने बताया है कि ‘हगिबीस’ बेहद शक्तिशाली है, जो होंशू की ओर से प्रशांत महासागर के ऊपर से उत्तरी क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है।
सरकार ने मध्य, दक्षिण व पश्चिमी जापान के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इस तूफान के कारण जापान की दो बड़ी एयरलाइन्स NA और JAL ने हनेदा और नरिता हवाई अड्डे से निर्धारित सभी घरेलू उड़ानों और ओसाका व चुबू के बीच कुछ को रद्द कर दिया है।
Typhoon Hagibis: जापान ने राहत-बचाव के लिए 27 हजार सैन्य बलों को किया तैनात
साथ ही सेंट्रल जापान रेलवे कंपनी ने टोक्यो और नागोया के बीच शिनकानसेन बुलेट ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया है। इससे पहले शनिवार को होने वाली दो रग्बी विश्व कप खेल भी रद्द किए गए थे।
1958 में जापान में भारी तबाही
बता दें कि हगिबीस से पहले जापान में आज से 60 साल पहले 1958 में एक तूफान ने भारी तबाही मचाई थी। उस दौर में कान्टो और इजू क्षेत्र में तूफान ने ऐसी तबाही मचाई थी कि उसमें 1,200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
अब ऐसा माना जा रहा है कि हगिबीस भी कुछ ऐसा हा तांड़व मचा सकता है। हालांकि इस बार सरकार ने इससे निपटने के लिए टोक्यो, इजू और शिलुओका प्रांत में भूस्खलन के लिए आपातकालीन चेतावनी जारी की है।
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