बताया जा रहा है कि बुधवार को यहां पर झड़प उस वक्त शुरू हुईं जब दोनों तरफ से लोग एक दूसरे पर पत्थर फेंकने लगे। इसके बाद गुरुवार को दोनों पक्षों के बीच हो रही झड़पों ने हिंसक रुप ले लिया। इसके बाद दोनों देशों के नागरिकों के बीच शुरू हुई पत्थरबाजी में सुरक्षाबल भी शामिल हो गए। मामले ने धीरे-धीरे और भी तुल पकड़ लिया और फिर किर्गिस्तान और तजाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने एक दूसरे पर गोलियां चलाईं। इस घटना में सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। घटना के बाद 10 हजार से अधिक लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला गया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पत्थरबाजी और फायरिंग की इस घटना में कई लोग घायल हो गए। रिपोर्ट के अनुसार, यह झड़प तजाकिस्तान के सुग्ग प्रांत और किर्गिस्तान के दक्षिणी बाटकेन प्रांत के बीच स्थित सीमा पर हुई। किर्गिस्तान की स्वास्थ्य मंत्री अलीज़ा सोल्टनबिकोवा ने टेलीविजन पर प्रसारित एक संदेश में कहा है कि ये झड़पें गुरुवार को शुरू हुई और इनमें अब तक 31 लोगों की मौत हुई है जबकि 150 लोग घायल हुए हैं।
पानी को लेकर शुरू हुआ विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्फ़ारा नदी पर स्थित एक जलाशय और पम्पिंग स्टेशन पर दोनों देशों के नागरिक अपना-अपना दावा करते हैं। किर्गिस्तान की राज्य राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने इस जलाशय पर अपना अधिकार जताते हुए तजाकिस्तान पर पानी चुराने का आरोप लगाया है, जबकि वहीं तजाकिस्तान ने कहा कि यह सुविधा उनसे संबंधित है।
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तजाकिस्तान ने आरोप लगाया कि किर्गिस्तान की सेना ने उनके नागरिकों पर फायरिंग की। बता दें कि दोनों देशों के नागरिकों ने विवाद गहराने से पहले एक दूसरे पर पत्थरबाजी की। जिसके बाद इस घटना में दोनों देशों के सुरक्षाबल भी शामिल हो गए और गोलियां चलाई।
गौरतलब है कि जिस जलाशय को लेकर विवाद शुरू हुआ उस जलाशय को लेकर किर्गिस्तान और तजाकिस्तान के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है।
जब दोनों देश सोवियत संघ से अलग हुए तो कई इलाकों का स्थाई सीमांकन नहीं हो सका। ऐसे में ये दोनों ही देश उस इलाके पर अपना-अपना दावा करते हैं। यही कारण है कि इससे पहले भी कई अन्य इलाकों को लेकर दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो चुकी है।