अलग-थलग एक झोपड़ी में अकेले सो रही थी हाल ही में एक घटना धोती जिले में 31 जनवरी को हुई। वहां पार्वती बोगाती नाम की महिला अलग-थलग एक झोपड़ी में अकेले सो रही थी। बिना खिड़की वाली झोपड़ी को गर्म रखने के लिए उसने आग जला रखी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले दिन सुबह पार्वती के देर तक न उठने पर उसकी सास लक्ष्मी झोपड़ी में गई जहां वह मृत पड़ी मिली। लक्ष्मी ने बताया कि पार्वती खुश थी क्योंकि अगले दिन उसका माहवारी चक्र समाप्त हो जाता। लेकिन उससे पहले ही वह चल बसी। उसने कहा कि पार्वती उस दिन झोपड़ी में गई, क्योंकि अकसर माहवारी के दौरान वह जिस झोपड़ी में जाती थी, वहां तीन अन्य रजस्वला महिलाएं भी थीं। इन झोपडियों में खिड़की नहीं दी जाती है, ताकि महिलाएं बाहर न झांक सकें। बताया जा रहा है कि कमरे में धुएं के निकलने का कोई रास्ता नहीं थी। इस कारण महिला की दम घुटने से मौत हो गई।
अब तक कई मौतें हो चुकी हैं ग्रामीण नगरपालिका अध्यक्ष दीर्घा बोगती के अनुसार पार्वती की मौत दम घुटने की वजह से हुई। फिलहाल उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। इस साल जनवरी में ही 35 वर्षीय एक महिला और उसके दो बेटों की इसी तरह की बिना खिड़की वाली झोपड़ी में दम घुटने से मौत हो गई थी। यह महिला भी माहवारी की वजह से ही झोपड़ी में रह रही थी। 2018 में भी इसी तरह 23 साल की एक महिला की जान गई थी।
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