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माओ के बाद शी जिंनपिंग सबसे शक्तिशाली नेता, संविधान में शामिल हुई पार्टी विचारधारा

locationनई दिल्लीPublished: Oct 24, 2017 05:02:55 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग माओ त्से तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं। शी की पार्टी की विचारधारा को संविधान में जगह मिली है।

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बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग माओ त्से तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं। शी जिनपिंग की राजनीतिक विचारधारा को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के संविधान में शामिल कर लिया गया है, जिसके बाद शी का कद देश के पूर्व शक्तिशाली नेताओं माओ त्से तुंग और डेंग शियाओपिंग के समकक्ष हो गया है।

बीजिंग में सप्ताहभर तक चली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस की बैठक के अंत में यह प्रतीकात्मक कदम उठाया गया। पार्टी के प्रतिनिधियों ने ‘नए युग में चीन की विशेषताओं के साथ शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचारों को पार्टी के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने के पक्ष में’ मंगलवार को सर्वसम्मति से वोट किया।
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शी जिनपिंग (64) ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन का ‘अंतर्राष्ट्रीय शक्ति और प्रभाव के नए युग में’ नेतृत्व करने की प्रतिबद्धता जताई। पार्टी के संविधान में ‘चीनी विशेषताओं के साथ नए युग के समाजवाद’ पर अपने विचारों के शामिल होने से शी ने जियांग जेमिन और हू जिंताओ जैसे दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। माओ और डेंग के बाद शी तीसरे चीनी नेता है, जिनकी विचारधारा को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के संविधान में शामिल किया गया है।

संविधान में हुए संशोधन के मुताबिक, “मार्क्‍सवाद-लेनिनवाद, माओ त्सेतुंग, डेंग सिद्धांत के साथ कांग्रेस ने नए युग में चीन की विशेषताओं के साथ शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचारों को सर्वसम्मति से शामिल करने पर सहमति जताई। कांग्रेस ने पार्टी के सभी सदस्यों से सोच एवं कार्य के स्तर पर एकता हासिल करने और इनका अध्ययन और इन्हें अंगीकार करने के लिए अधिक उद्देश्यपूर्ण होने का आग्रह किया।”

शी ने 2,200 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी पार्टी में मजबूत और दृढ़ नेतृत्व है। हमारी समाजवादी प्रणाली मजबूत है। चीनी लोग और देश ने अभूतपूर्व संभावनाओं को अंगीकार किया है। शी ने कहा, “आज हम 1.3 अरब से अधिक चीनी लोग सम्मान और उत्साह से रहते हैं। हमारी चीनी सभ्यता की चिरस्थाई गरिमा और आभा रही है। सीपीसी ने अगले पांच साल के लिए पार्टी का नेतृत्व करने के लिए 19वीं केंद्रीय समिति का चुनाव किया।
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चीनी गणराज्य की 1949 में स्थापना होने के बाद से माओ-त्से-तुंग अकेले ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें उनके जीवित रहने के दौरान इस तरह का सम्मान मिला था, उनके जीवनकाल में उनकी विचारधारा को महत्व मिला था जिसे माओ विचारधारा कहा जाता है। माओ के नेतृत्व में ही चीन 1949 में गणराज्य बना था।
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