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 पिता के दुनिया घूमने के सपने को पूरा कर रही बेटी

Published: Feb 15, 2016 05:06:00 am

Submitted by:

Jyoti Kumar

पाकिस्तान की 21 वर्षीय छात्रा ने पिता के सपने को पूरा करने के लिए समाज की उन बंदिशों को तोड़ दिया जो उसे सपने पूरा करने से रोक रहे थे।

पाकिस्तान की 21 वर्षीय छात्रा ने पिता के सपने को पूरा करने के लिए समाज की उन बंदिशों को तोड़ दिया जो उसे सपने पूरा करने से रोक रहे थे। लाहौर की जेनिथ इरफान के पिता का सपना था कि वह पूरी दुनिया की सैर मोटरसाइकल से करें। लेकिन, जल्दी ही मौत के कारण सपने भी मर गए।

बड़ी बेटी इरफान ने फैसला किया कि पिता के सपने को वह पूरा करेगी। जेनिथ के लिए यह जोखिम भरा कदम था लेकिन उसने बहादुरी के साथ इसे कबूल किया। जेनिथ पिछले दो सालों में एक निडर बाइकर्स के रूप में उभरी हैं। एक रूढि़वादी देश में उसने कई वर्जनाओं को धत्ता बताते हुए पूरे देश की यात्रा बाइक से की। वह बाइक पर अकले होती हैं। 

इस्लामाबाद से शुरुआत
इरफान ने बाइक से पहली यात्रा इस्लामाबाद से की। इसके बाद शुरू हुआ पहाड़ों, नदियों से होते इस्लामाबाद के बाहरी इलाके मुरी का खूबसूरत सफर। मुरी पश्चिमी हिमालय की तलहटी दक्षिणी ढलानों पर स्थित है। यहां से इरफान पाक के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद गईं। इसके बाद वह नीलम घाटी के जंगलों से गुजरीं। 

गियर, क्लच को लेकर थी कन्फ्यूज्ड 
2013 में जब इरफान के छोटे भाई ने साधारण सी 70 सीसी की बाइक खरीदी तो मां ने बेटी को बाइक ड्राइव करने के लिए सिखाने का आग्रह किया। मां भी चाहती थीं कि उनकी बेटी अपने पिता के सपनों को पूरा करे। इरफान ने बताया कि शुरुआत में मेरे लिए यह बड़ा संघर्ष था। मैं कन्फ्यूज्ड थी कि एक साथ कैसे गियर, क्लच और ब्रेक मैनेज कर पाऊंगी। मैं बहुत ज्यादा परेशान थी लेकिन बाद में सब पर नियंत्रण पा लिया।

मौत से डर नहीं लगता
20 दिनों की इस यात्रा में इरफान देवसाई मैदानों में भी गईं। यह दुनिया के सबसे उच्चतम पठारों में से एक है। यहां जाना अपने आप में खतरों को आमंत्रित करना है क्योंकि भूस्खलन की आशंका हमेशा बनी रहती है। रोड ऐक्सिडेंट का जोखिम भी बना रहता क्योंकि इन सड़कों पर ट्रक बड़े बेतरतीब ढंग से चलते हैं। इरफान ने कहा, इन सबके बावजूद मैं डरी नहीं। मुझे मौत से डर नहीं लगता। यदि मौत ही आनी है तो यह अपने घर में भी आ सकती है।

पहली पाक महिला
पहली बार बाइक की लंबी यात्रा की सफलता के बाद इरफान ने अगस्त 2015 में लाहौर से होते हुए उत्तरी पाकिस्तान के जरिए चीन की सीमा से लगते हुए खुनजेराब पास जाने का फैसला किया। इसकी कुल दूरी 3,200 किमी है। यहां आने के बाद इरफान को काफी खुशी मिली। वहां विदेशी महिला बाइकराइडर्स जाती रही हैं। इरफान पाकिस्तान की पहली महिला बाइक राइडर्स थीं जो वहां पहुंचने में कामयाब रहीं।

 जब मैं सड़क पर होती थी तो लगता था कि मेरे दिमाग, शरीर और आत्मा एक साथ हो रहे हैं। मैं खुद को आजाद महसूस कर रही थी। सच में बिल्कुल अलग और स्पेशल अहसास हो रहा था। बेहद भावुक और मुक्त सफर। 
जेनिथ इरफान

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