1971 जैसा 2021: ग्रहों की स्थिति के मुताबिक भारत बनेगा विश्व विजेता
बिलकुल हू-ब-हू है 1971 और 2021 का अंग्रेजी कैलेंडर...

लगातार सामने आ रहीं 2021 को लेकर की गयीं भविष्यवाणियों के चलते इस समय पूरी दुनिया में इस समय डर का माहौल बना हुआ है। जहां कुछ भविष्यवाणियां महामारी के चलते दुनिया का अंत होने कि बात कहती दिख रही हैं वही कुछ इस साल यानि 2021 में चारों तरफ विनाश ही विनाश की बात कर रही हैं।
ऐसे में आज हम आपको 2021 से जुडी कुछ खास बातो के बारे में बताने जा रहे है। इसमें सबसे खास बात तो ये है कि 2021 का अंग्रेजी कैलेंडर हू-ब-हू 1971 का अंग्रेजी कैलेंडर है।
ऐसे में ये प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या 1971 की ही तरह एक बार फिर भारत का किसी से युद्ध होने जा रहा है।
तो इस सम्बन्ध में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि हां परिस्थितियां तो वही बनती दिख रही हैंए ग्रहों का जमावड़ा भी काफी हद तक वैसा ही है जैसा 1971 में थाए लेकिन इस बार ग्रहों का स्थान और स्थिति में परिवर्तन है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि यदि युद्ध हुआ तो इस बार ये केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा।

ये हुआ था 1971 में-
1971 का साल भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के इतिहास में काफी अहमयित रखता है। उसी साल भारत ने पाकिस्तान को वह जख्म दिया थाए जिसकी टीस पाकिस्तान को हमेशा महसूस होती रहेगी। बांग्लादेश की बात करें तो यह वही साल था, जब दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरा। 1971 के उस इतिहास बदलने वाले युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबरए 1971 को हुई थी।
दरअसल 1971 का भारत-पाक युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच एक सैन्य संघर्ष था। इसका आरम्भ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के चलते 3 दिसंबर, 1971 से दिनांक 16 दिसम्बर, 1971 तक हुआ और इसके बाद ढाका समर्पण के साथ इसका समापन हुआ था।
युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर रिक्तिपूर्व हवाई हमले से हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवादी गुटों के समर्थन में कूद पड़ी। केवल 13 दिन चलने वाला यह युद्ध इतिहास में दर्ज लघुतम युद्धों में से एक रहा।
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ज्योतिष के जानकारों के अनुसार 1971 की तरह ही इस साल भी कई ज्योतिष ग्रह एक साथ एक ही घर पर विराजमान होते दिख रहे हैं, लेकिन अंतर बस ये है कि इस बार ये दूसरी जगह साथ आ रहे हैं। मकर राशि में इस दौरान महत्वपूर्ण और दुर्लभ ग्रह महासंयोग बनेगा। ऐसे में युद्ध की आशंका से इंकार तो नहीं किया जा सकता, लेकिन यदि युद्ध हुआ तो ये इस बार सीमित न रहकर व्यापक युद्ध होगा।
यदि युद्ध हुआ तो ये होगा परिणाम...
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार भले ही 2021 का कैलेंडर 1971 से मिलता हो लेकिन इस बार 1971 जैसे ही लेकिन दूसरे घर में बन रहे योग स्थिति में बड़ा बदलाव करते दिख रहे हैं। जिसके चलते इस बार यदि युद्ध होगा तो भारत ग्रहों की स्थिति के चलते विश्व विजेता के रूप मे सामने आएगा ।
इस समय बहुत अधिक पराक्रम के साथ भारत का एक नया रूप देखने को मिलेगा। इसका कारण मंगल होगा और मंगल भूमि का कारक है।
युद्ध भी भूमि को ही लेकर होगा, कुल मिलाकर इस बार भूमि का विस्तार भारत का होगा या यूं समझें कि भारत की भूमि विमुक्त हो जाएगी। भारत अपनी गरीमा को प्राप्त होगाए अफगानिस्तान भी इसमें भारत का साथ देगा।
ये भी मुमकिन है कि गिलगित,ग्लवान घाटी,गिलगिट,तिब्बत का क्षेत्र व मुजफ्फराबाद तक का क्षेत्र आदि भारत में ही मिल सकता है या आजाद हो सकता है। साथ ही पाकिस्तान के एक दो टुकडे हो सकते हैं। भारत का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ेगा।
वही कुछ जानकारों के अनुसार युद्ध या भारत के विश्व विजेता के रूप मे सामने आने की स्थिति 2022 मध्य में सामने आने की ज्यादा सम्भावना है।
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