इस तरह शुरुआत के नौ दिन बहुत ज्यादा गर्म रहते हैं। इसमें आसमान से आग बरसती है। बाद में गर्मी कम होने लगती है। इस तरह नौतपा के कुल अवधि 15 दिनों की होती है, लेकिन शुरू के 9 दिन सबसे ज्यादा गर्म रहते हैं। इसी को नौतपा कहते हैं। इस समय सेहत को लेकर भी एहतियात रखना चाहिए, नौतपा में छाछ, पानी, दही, नारियल पानी और बेल का जूस पीना चाहिए।
नौतपा में सूर्य पूजा का विशेष महत्व (Surya Puja Significance)
वाराणसी के पं शिवम तिवारी के अनुसार नौतपा में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। इस दौरान सूर्य नारायण आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। यदि आप इस समय सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय करते हैं तो उनकी आसानी से कृपा प्राप्त हो सकती है । इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, सफलता और प्रतिष्ठा मिलती है।नौतपा में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करें। यदि संभव हो तो आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, इससे आप और आपका परिवार स्वस्थ रहेगा। वहीं सूर्य पूजा करने से आपकी खुशियों और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ जाएगा। यदि इस समय सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य पूजा करें, इससे ग्रह दोष दूर होते हैं। साथ ही सभी पाप से मुक्ति मिलती है।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के ज्योतिषीय उपाय (What To Do In Nautapa Upay In Hindi)
- नौतपा में लाल और केसरी रंग के कपड़े ज्यादा पहनना चाहिए।
2.अपने पिता, सरकारी और उच्च अधिकारियों का सम्मान करें। - सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उगते हुए सूरज को दें, इससे सकारात्मकता बढ़ेगी।
- किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए नौतपा में दान करना चाहिए। इस उपाय से आपको पूर्व जन्म के पापों से भी मुक्ति मिलती है। साथ ही शुभ ग्रहों को बल प्रदान करेगा और कमजोर ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करेगा।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन और सूर्य के नक्षत्र में सुबह 8 बजे से पहले सूर्य से संबंधित चीजों का दान करें।
- सूर्य को मजबूत करने के लिए गुड़, गेहूं, माणिक्य, लाल रंग के पुष्प आदि का दान करना चाहिए।
- रोज या हर रविवार को तांबे के लोटे में पानी भरकर उसमें एक चुटकी सिंदूर डालें और इस जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- रोज सूर्य नमस्कार करें और श्वेतार्क के पेड़ पर जल अर्पित करें।