गुरुवार को करेंगे ये खास उपाय, कभी नहीं होंगे झगड़े, संवर जाएगी शादीशुदा जिंदगी
शादी के कुछ दिनों ही पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर घर में कलह होने लगती है।
शादीशुदा जिंदगी में मिठास घोलने के लिए ज्योतिष शास्त्र में उपाय बताए गए है।

नई दिल्ली। पति और पत्नी का रिश्ता बहुत ही नाजुक होता है। खट्टी मीठी नोकझोंक इस रिश्ते को और मजबूत बनाती है। इन दोनों की रिश्तो रिश्तो की डोर विश्वास पर टिकी होती है। जरा सी गलतफहमी रिश्ते में दरार डाल सकती है। आजकल रिश्ते गलतफहमी के कारण टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं कई बार तो तलाक लेने की नौबत आ जाती है। शादीशुदा जिंदगी में मिठास घोलने के लिए ज्योतिष शास्त्र में उपाय बताए गए है। शादी के कुछ दिनों ही पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर घर में कलह होने लगती है। कई बार रिश्ते में दूरी भी आ जाती है। अगर शादीशुदा जिन्दगी में कभी कोई परेशानी नहीं आएगी, तो गुरुवार को आसान उपाय करें। इन उपाय से आपकी जिंदगी संवर जाएगी।
— ज्योतिष के मुताबिक, गुरुवार के दिन कुमकुम की डिब्बी माता रानी की प्रतिमा के सामने रख दे। इसके बाद माता रानी के सामने घी के दो दीपक प्रज्वलित करे। आरती समाप्त होने के बाद कुमकुम की डिब्बी खुद रख ले। फिर माथे पर यह सिंदूर लगाए। इस उपाय से पति और पत्नी में मधुरता बन जाएगी।
— माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की जोड़ी भी काफी लोकप्रिय हैं। गुरुवार को विष्णु जी का ही दिन होता हैं। विष्णु जी को सत्यनारायण और लक्ष्मीनारायण नामो से भी जाना जाता हैं। गुरुवार के दिन घर में सत्यनारायण की कथा रखते हैं तो ये ना सिर्फ आपकी शादीशुदा लाइफ के लिए लाभकारी रहेगा बल्कि पुरे परिवार की शान्ति में भी फायदा होगा।
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— ऐसा कहा जाता है कि सत्यनारायण कथा घर में कराने से मकान की सारी नेगेटिव उर्जा बाहर निकल जाती हैं। साथ ही घर में रह रहे लोगो में पॉजिटिव एनर्जी आती हैं। ध्यान रहे कथा करवाए समय पतिदेव के घर पर होना आश्वयक है। इससे उनका मन साफ होता हैं और अच्छे विचार बनते हैं। इस तरह घर के लोगो में सुख—शांति बनी रहती है।
— गुरूवार को गुरू ग्रह के निमित्त व्रत रखें। जिसमें पीले वस्त्र पहनें व बिना नमक का भोजन करें। भोजन में पीले रंग की खाद्य पदार्थ जैसे बेसन के लड्डू, आम, केले आदि शामिल करें। गुरू से जु़डी पीली वस्तुओं का दान करें। पीली वस्तु जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल, आम (फल) आदि।
— गुरू बृहस्पति की प्रतिमा या फोटो को पीले वस्त्र पर विराजित करें। इसके बाद पंचोपचार से पूजा करें। पूजन में केसरिया चंदन, पीले चावल, पीले फूल व भोग में पीले पकवान या फल अर्पित करें। आरती करें। गुरू मंत्र का जप करें- मंत्र- ओम बृं बृहस्पते नम:। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
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