कैंट विधानसभा सीट पर बसपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। सपा और बीजेपी में प्रत्याशियों के नाम पर मंथन जा रही है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर अपर्णा यादव को सपा अध्यक्ष से टिकट नहीं मिला तो बीजेपी का रुख कर सकती हैं। इस चर्चा को इसलिए भी हवा मिल गई है, क्योंकि केंद्र सरकार के कई मौकों पर अपर्णा यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले पर भी उन्होंने बीजेपी के फैसले का स्वागत किया था, जबकि सपा प्रमुख ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाये थे।
2017 का विधानसभा चुनाव परिणाम
अपर्णा यादव ने लखनऊ की कैंट विधानसभा क्षेत्र से 2017 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के चुनाव पर लड़ा था। इस चुनाव में बीजेपी रीता बहुगुणा जोशी ने जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर अपर्णा यादव रही थीं। उन्हें रीता बहुगुणा जोशी के 95402 वोटों की मुकाबले 61606 वोट मिले थे। 26 हजार वोट पाकर बसपा प्रत्याशी योगेश दीक्षित तीसरे नंबर पर रहे थे।
अपर्णा यादव ने लखनऊ की कैंट विधानसभा क्षेत्र से 2017 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के चुनाव पर लड़ा था। इस चुनाव में बीजेपी रीता बहुगुणा जोशी ने जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर अपर्णा यादव रही थीं। उन्हें रीता बहुगुणा जोशी के 95402 वोटों की मुकाबले 61606 वोट मिले थे। 26 हजार वोट पाकर बसपा प्रत्याशी योगेश दीक्षित तीसरे नंबर पर रहे थे।
यह भी पढ़ें
यूपी की इस सीट पर कभी नहीं खुला सपा-बसपा का खाता, कांग्रेस-बीजेपी में रही कांटे की टक्कर
बसपा ने ब्राह्मण चेहरे पर लगाया दांव
लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट ब्राह्मण बहुल सीट है। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार ब्राह्मण कैंडिडेट विजयी हुए हैं। सबसे ज्यादा तीन-तीन बार कांग्रेस की प्रेमवती तिवारी (1980-85-89) और बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी (1996-02-07) चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। दो बार रीता बहुगुणा जोशी भी इस सीट से चुनाव जीती हैं। इस बार बसपा ने अरुण द्विवेदी के रूप में ब्राह्मण चेहरों पर दांव लगाया है। कैंट विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस और छह बार बीजेपी चुनाव जीतने में सफल रही है।