यूपी की दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव 23 सितंबर को, यह हो सकते हैं बीजेपी कैंडिडेट
भाजपाइयों को सौंपी गई अहम यह जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी ने सभी 11 सीटों से संबंधित जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों को शिक्षक एवं स्नातक के ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का निर्देश दिया है। साथ ही बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और परिषद चुनाव के प्रभारी अशोक कटारिया भी सक्रिय हैं। वह चुनावी बैठकें तक कर ही रहे हैं, वहीं स्थानीय समीकरण के हिसाब से रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
सूत्रों की मानें स्नातक एवं शिक्षक क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के कंधों पर है। हालांकि, अभी ऐसी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। दिनेश शर्मा इसलिए क्योंकि वह विधान परिषद में सदन के नेता भी हैं। राज्य के सहायता प्राप्त और वित्तविहीन शिक्षक संघों को बीजेपी के पाले में लाने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम के कंधों पर है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी कोशिश और ताकत के साथ एमएलसी का चुनाव लड़ेगी।
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विधान परिषद में सीटों का गणित
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं। इनमें से 5 सदस्य स्नातकों द्वारा और 6 सदस्य शिक्षक संघों द्वारा चुने जाते हैं। विधान परिषद में सबसे ज्यादा 56 सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं, जबकि दूसरे नंबर 21 सदस्यों वाली बीजेपी है। इनके अलावा बसपा के पास 08 और कांग्रेस के पास दो विधान परिषद सदस्य हैं। इनमें से कांग्रेस के एक सदस्य दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।