इन दिनों जिला कारागार में करीब एक हज़ार बंदी है जिनमें करीब 400 बंदी ऐसे है जो किसी बड़े आपराधिक मामले में निरुद्ध है का फिर सजायाफ्ता है जबकि बाकी बंदी छोटे मोटे मामलों में निरुद्ध है। इसके बावजूद उरई जेल में इन दिनों धार्मिक व आध्यात्मिक ज्ञान लेने का सिलसिला चल रहा जेल की लाइब्रेरी में मौजूदा समय में 1519 किताबें हैं जिनमें साहत्यि, धार्मिक , आध्यात्मिक, शेरो शायरी सहित अन्य किताबें हैं जिनमें 20 से 40 किताबें रोजाना जेल के बंदी इश्यू करा रहे है। इनमें सबसे ज्यादा किताबे गीता प्रेस की धार्मिक व आध्यात्मिक पढ़ी जा रही है। जिसकी वजह के बारे में जेल स्टाफ का कहना है कि धार्मिक व आध्यात्मिक किताबें पढ़ने से बंदियों को मानसिक रूप से काफी आराम मिलता है और वह अपनी जिंदगी को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि जेल से निकलने के बाद उनका जुड़ाव किसी भी तरह से आपराधिक गतिविधियों से ना रहे।
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