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गर्मी की तपिश पहुंचा रही है पर्यावरण को नुकसान, पेड़ों के अस्तित्व को जिंदा रख पाना हुआ मुश्किल

locationऔरैयाPublished: Jun 05, 2018 05:02:31 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

गर्मी की तपिश कर रही है पर्यावरण को नुकसान। पेड़ पौधे लगाकर रख सकते हैं ध्यान

world environment day

गर्मी की तपिश कर रही है पर्यावरण को नुकसान, पेड़ों के अस्तित्व को जिंदा रख पाना हुआ मुश्किल

औरैया. विश्व पर्यावरण दिवस पर गर्मी की तपिश वृक्षारोपण के संकल्प पर भारी पड़ती नजर आयी। कारण साफ है कि तापमान के प्रतिकूल वृक्षों के रोपण को किया जाना और उनके जिन्दा रहने के सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। जनपद भर में मंगलवार को हुए कार्यक्रमों में महज औपचारिकतावश पेड़ों का रोपण जरूर किया गया, मगर उनके अस्तित्व बने रहने को लेकर लोग आशंकित दिखे। पर्यावरणविद भगवत विश्नोई ने यंहा तक कह दिया की पर्यावरण दिवस के नाम पर भ्रूण पेड़ों की हत्या करने की बात कहते हुए इसका बहिष्कार किया है।
पर्यावरण का ध्यान रखना बेहद जरूरी

उनका मानना है कि राज्य की जलवायु और परिस्थितिकी को नजरअंदाज कर भीषण गर्मी में पेड़ो के अस्तित्व को जीवित रख पाना असंभव है। उनका कहना है कि पर्यवरण का असली महत्व तब है, जब हम व्रक्षों के जीवन को अपने बच्चों की परवरिश की तरह करें। विश्व पर्यावरण दिवस पर घूरा अर्थार्त खाद डालने का कार्य किया जाए और 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चलने वाले वृक्षारोपण सप्ताह में व्रक्षो को रोपित किया जाए। तब कही जाकर पर्यावरण दिवस की सार्थकता साबित होगी। कुशवाहा पौधशाला के मालिक बाबूराम बताते है कि आज के पर्यावरण दिवस पर महज औपचारिकता ही हुई है, जो केवल दिखावे के तौर पर पौधों की खरीददारी करते हैं। पूरे दिन बमुश्किल 100 पौधे ही बिक्री हुए।
पर्यावरण दो शब्दों को मिलाकर बना है। परि यानी कि जो हमारे चारों ओर है और आवरण जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं। पर्यावरण को साफ सुथरा बनाने की बात तो हर कोई करता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी कुछ ही लोग उठाते हैं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कई कारण हैं। प्लास्टिक, जल प्रदूषण, वायू प्रदूषण और अब तो गर्मी की प्रकोप भी। पेड़ पौधों को गर्मी के प्रकोप से बचाने का उपाय है कि घर में पौधे लगाए जाएं।
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