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सहार की यह ऐतिहासिक रामलीला 125 वर्ष पुरानी है। हालांकि बढ़ते आधुनिक संसाधनों की वजह से काफी असर पड़ा है,पर दर्शकों का रुझान अब भी ऐसे प्रोग्रामोx की तरफ है। आदर्श रामलीला समिति के पदाधिकारियों की तरफ से इस प्रोग्राम को सफल बनाने का भरसक प्रयास किया जाता है , जो अबतक सुचारू रूप से चल रही है।पर दिनों दिन जनता का आर्थिक सहयोग ना मिलने के कारण कमेटी लगातार घाटा सहन कर रही है। यह भी पढ़ें
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कमेटी का अध्यक्ष विगत वर्षों की भांति ग्राम प्रधान होता है। जोकि सभी के सहयोग और कमेटी सदस्यों के चुनाव के लिए गांव के बड़े बुजुर्गों व अन्य लोगों की एक खुली बैठक कार्यक्रम के लगभग एक माह या 15 पहले आयोजित करवाते है, ततपश्चात कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई जाती है। इस बार नई पीढ़ी को प्राथमिकता के तौर पर मौका दिया गया है। जैसा कि पिछले वर्ष भी मौका देने पर कार्यक्रम सफल हुआ था। इस बार भी वैसी ही सफलता की उम्मीद लगाई जा रही है। कमेटी के सदस्यों में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहित अग्निहोत्री, अमित तिवारी, जीतू शुक्ला, विमलेश शर्मा, ध्रुव अवस्थी, गोविंद यादव, संतीश गुप्ता, संजय शुक्ला, रामू अवस्थी आदि का सराहनीय सहयोग मिला।