अब बगैर शौहर के कर सकेंगी हज यात्रा इसका मतलब यह है कि जो महिलाएं किसी कारणवश हजयात्रा नहीं कर पाती थीं, वे अब बिना शौहर, भाई, पिता, बहनोई या अन्य रिश्तेदार के साथ भी हजयात्रा जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को अवैध ठहरने के बाद मोदी सरकार ने हज पर जाने के लिए मुस्लिम महिलाओं को काफी सहूलियतें दी हैं। अब 45 वर्ष से अधिक उम्र की चार व उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं बिना किसी रिश्तेदार के ही हज पर जा सकती हैं। इस फैसले से मुस्लिम समाज की महिलाओं में खासा उत्साह है। एमए इस्लामिया इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य तबस्सुम बानो ने कहा कि मेहरम की बंदिश के चलते कई महिलाएं पवित्र हज यात्रा के लिए मक्का मदीना नहीं जा पाती थीं। उनके जेहन में हज जाने की इच्छा दफन हो जाती थी।
मोदी सरकार ने पूरी की मुस्लिम महिलाओं की तमन्ना मोदी सरकार के इस निर्णय से महिलाओं को भी हज यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा। कस्बा निवासी गुलशन बानो का कहना है कि बिना मेहरम के 45 वर्ष से अधिक की महिलाएं अब हज यात्रा पर जा सकेगी। मोदी सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। समाज सेविका शेफाली ने कहा कि मुस्लिम समाज की हजारों महिलाएं मेहरम के पेंच के चलते हज यात्रा नहीं कर पाती थीं, लेकिन उनकी हज यात्रा की तमन्ना मोदी सरकार ने पूरी कर दी है। इसके उलट फफूंद जो कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, यहां के लोगो के मुताबिक बिना शौहर के तीर्थ यात्रा अधूरी मानी जाएगी। पूर्व चैयरमैन हाशमी बेगम और शिक्षक व पूर्व प्रधानाचार्य कुदरतअल्ला, पेश इमाम गुलाम मुस्तफा ने कहा बगैर शौहर के यात्रा अधूरी होती है।