उक्त मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक की प्रेस वार्ता में आरोपी ने दी। पुलिस अधीक्षक नागेश्वर सिंह ने बताया कि घटना के सारे पहलुओं की जांच के बाद एक बात तय हुई कि मृतक अशोक कुमार गुप्ता ब्याज का बड़ा काम करते थे। और 2 से 5 फीसदी तक का ब्याज लगाकर उसकी वसूली करते थे।
पूछताछ के दौरान आरोपी हत्यारे अतुल शाक्य के पिता अमर सिंह ने अशोक गुप्ता से 2 लाख रुपये 2 प्रतिशत मासिक ब्याज पर लिए थे। जिनमें पौने सो लाख रुपये लौटाने के बाद भी अशोक गुप्ता मय ब्याज के 3 लाख रुपये मांग रहा था। कुछ दिनों बाद उसके उनके भाई राहुल पुत्र अमर सिंह को लहसुन के व्यापार के लिए एक लाख रुपये की जरूरत पड़ी। तो अशोक गुप्ता ने उससे कहा कि वह अपनी जमीन उसको रजिस्ट्री कर दे। फिर क्या था राहुल ने साढ़े 8 डिसिमिल जमीन अशोक गुप्ता को रजिस्ट्री कर दी। लेकिन अशोक गुप्ता ने उसे एक लाख रुपये देने से इनकार कर उसको सरकारी कीमत मात्र 47 हजार रुपये देने को कहा।
इस पर राहुल और अतुल ने अशोक के करीबी छोटे महाराज से बात की। तो उन्होंने अशोक से शेष 60 हजार रुपये दिलाये जाने के लिए कहा तो उसने अतुल और राहुल को मना कर दिया। बदले में छोटे महाराज को माध्यम बनाकर को 60 हजार रुपये 5 फीसदी ब्याज पर दे दिया। जिसका तीन हजार रुपये प्रतिमाह का ब्याज लवन अशोक अतुल के घर पहुंच कर गली गलौज करता था।
बस ये बात उसको नगवार लगी कि जमीन भी गई रुपया भी और उल्टा ब्याज के रुपये मांगकर आये दिन परेशान करता था। इसे परेशान होकर उसको मारने का प्लान बनाया। उनके करीब पहुँचने के लिए उनकी जमीन बटाई में करना शुरु कर दी। धीमे धीमे उसके घर मे आना जाना शुरु कर दिया। और फिर 10 मई को घटना को अंजाम देने के जानबूझकर स्टार्टर का तार हटा दिया ।
जिसको सही करने के लिए अशोक को बुलाकर लाये और जैसे ही वह वहां पहुंचे तो उसके ऊपर बांके से ताबड़तोड़ प्रहार के उसको वहीं मार दिया। पुलिस अधिक्षक नागेश्वर सिंह ने बताया कि घटना में प्रयुक्त वाका बरामद के दो लोगों अतुल, विनोद को गिरफ्तार कर लिया है और तीसरे आरोपी राहुल की तलाश की जा रही है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने घटना के खुलासे के लिए गठित टीम के कोतवाली प्रभारी अखिलेश मिश्र, एसआई राकेश यादव,अंकित शर्मा सुनील और अशोक कुमार प्रजापति,सिपाही सतेंद्र धाकरे व स्वाट टीम प्रभारी अलमा अहिरवार, एसआई सन्तोष मिश्रा और पवन पांडेय की सराहना की है।