शहीद सिपाही राहुल विधूना के रुरुकलां के रहने वाले थे। राहुल के पिता ओमकार सिंह ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एनकाउंटर होने से उनके पुत्र की शहादत का दर्द कुछ कम हुआ है। जो हुआ है अच्छा हुआ है और जो आगे होगा वह भी अच्छा होगा। वहीं, शहीद सिपाही की बहन नन्दिनी ने कहा कि आज (शुक्रवार) भाई का शांति हवन है। विकास के एनकाउंटर की कार्रवाई से भाई की आत्मा को शांति मिली होगी। उन्होंने मांग की है कि घटना में शामिल अन्य आरोपियों की भी ऐसी कार्रवाई की जाए, जिससे आने वाले समय में कोई भी अपराधी इस तरह का दुस्साहस न करे।
दर्द को भुलाया नहीं जा सकता शहीद राहुल की पत्नी दिव्या भारती ने भी विकास दुबे के मारे जाने पर खुशी जताई है मगर उन्होंने ये भी कहा कि इससे उनके पति की मौत के दर्द को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि घर में हवन की तैयारियां चल रही थीं। सभी लोग उसी में व्यस्त थे। इस बीच विकास दुबे की मौत की खबर मिली। खबर सुनकर परिवार के सदस्यों का गम कुछ कम हुआ है।
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर में घटना को अंजाम देकर फरार विकास पहले दिल्ली-एनसीआर पहुंचा था लेकिन पुलिस की जबरदस्त दबिश के बाद फिर वह मध्यप्रदेश के उज्जैन जिला पहुंचा, जहां उसे महाकाल मंदिर के बाहर एमपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को मंगलवार को दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में एक होटल में देखा गया था। लेकिन जब पुलिस वहां छापा मारने पहुंची तो वह वहां से निकल चुका था।
इसके बाद उज्जैन में उसके होने की खबर पर पुलिस ने उसे वहां से गिरफ्तार किया और शुक्रवार सुबह वह उसे लेकर कानपुर आ रही थी। इस बीच एसटीएफ की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया, जिसका फायदा उठाकर विकास दुबे ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस की फायरिंग में मारा गया।