पुलिस ने टरका दिया था, कोर्ट से मिला सहारा गौरतलब है कि बीते साल 4 नवंबर को दिबियापुर में 11वीं क्लास में पढऩे वाली 15 वर्षीय छात्रा ने फफूंद रेलवे स्टेशन के करीब ट्रेन के आगे कूदकर जिंदगी का अंत कर लिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी के गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी। घटना के कुछ दिन बाद पिता ने स्कूल के प्रबंधक गोविंद उर्फ प्रभु, प्रधानाचार्य विजयकांत शर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अनीत कुमार के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की रिपोर्ट दर्ज कराना चाहा तो पुलिस ने टरका दिया था। बाद में 14 जनवरी को न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
पुलिस को मिले यौन शोषण के साक्ष्य, मैनेजर गिरफ्तार दिबियापुर थाने के इंस्पेक्टर विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच हुई तो मालूम हुआ कि स्कूल प्रबंधक गोविंद उर्फ प्रभु, जोकि दिबियापुर की बेला रोड का निवासी है, आए दिन नाबालिग छात्रा का यौन शोषण करता था। मैनेजर के कुकर्म के कारण छात्रा गर्भवती हुई तो गर्भपात करने का दवाब बनाया। इस मामले में पुलिस के पास इसके पर्याप्त साक्ष्य भी हैं। साक्ष्य मिलने के बाद ही पुलिस ने आरोप पत्र में दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट की धाराएं बढ़ाईं हैं। अलबत्ता अन्य दो आरोपियों की संलिप्तता साबित नहीं हुई है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी प्रभु को उसके घर के सामने से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया कि पकड़े गए स्कूल प्रबंधक का डीएनए सैंपल लिया गया है। अब छात्रा के गर्भ के डीएनए से स्कूल प्रबंधक का डीएनए सैंपल का मिलान किया जाएगा। इससे आरोपी को सजा दिलाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि 4 नवंबर को हुई घटना के बाद छात्रा के शव को तत्कालीन जीआरपी की फफूंद चौकी इंचार्ज अवधेश पाठक की मौजूदगी में गेंती से रेलवे ट्रैक से हटाया गया था, इसलिए यह मामला विशेष चर्चा में आया था। इस मामले में जीआरपी चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया था।