राजनीति में कोई किसी का स्थाई दुश्मन नहीं होता। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद हो सकता है कि शिवपाल और अखिलेश एक हो जाएं। शिवपाल भी यह अच्छी तरह जानते हैं कि सपा के बाहर उनका कोई भविष्य नहीं है। वे सपा का ही वोट बांटेंगे।
समय के साथ चीजें बदलती हैं। हो सकता है कि समय के साथ अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव एक हो जाएं। मुलायम सिंह यादव भले ही अखिलेश और शिवपाल के साथ अलग-अलग नजर आ जाते हैं, लेकिन उनके दिल में सपा के टूटने का दर्द तो है ही। वे तो यही चाहेंगे की बेटा अखिलेश और भाई शिवपाल दोनों एक हो जाएं। जानकार बतातें हैं कि यादव परिवार की ताकत एक साथ रहने में ही है। मुलायम की यह कोशिश होगी की वह दोनों को एक कर लें। यह तो तय है कि जब मुलायम सिंह चाहेंगे तो दोनों एक हो जाएंगे क्यों कि दोनों नेताजी की बड़ी इज्जत करते हैं।
सपा के प्रदेश कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव ने मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा मेरे जन्मदिन पर संकल्प करो कि किसी को नाराज़ नहीं करना है और धर्म जाति के नाम पर भेदभाव नहीं करना है।। उन्होंने कहा कि हम सभी को आपसी भेदभाव दूर करके सपा को और मजबूत करना है। 4 बार मैनें सरकार मैंने बनाई, कुछ नेताओं ने अलग होकर पार्टी को कमज़ोर किया, आप सब पार्टी को मजबूत करो।