उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति पहली बार पॉलिथीन का विक्रय, प्रयोग या भंडारण करता हुआ पाया जाता है तो उसको एक माह की जेल या 5000 रुपये का जुर्माना एवं उसके बाद दोबारा पकड़े जाने पर उस पर ₹10000 का जुर्माना या 6 महीने की जेल हो सकती है। उन्होंने सभी ईओ को निर्देश दिए कि वह माइक सिस्टम, नुक्कड़ नाटक व अन्य तरीके से क्षेत्र में प्रचार प्रसार प्रसार करा दें ताकि लोग इस बारे में जागरूक हो सके कि शासन ने 15 जुलाई से पॉलिथीन और प्लास्टिक पर पूरी तरीके से बैन लगा दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ठेले वाले, रेहड़ी वाले और छोटे दुकानदार आदि को जाकर बताया जाए कि पॉलिथीन उपयोग करने से बहुत सारे बीमारियां होती हैं, इसकी जगह किसी कपड़े के हैण्डबैग का प्रयोग किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी सरकारी विभागों में पॉलिथीन एवं प्लास्टिक आदि का किसी भी रूप में उपयोग ना किया जाए।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर ने अपने कार्यालय में नौ प्लास्टिक डीलर एवं आठ व्यापारियों के साथ बैठक कर उन्हें प्लास्टिक, पॉलिथीन दोना पत्तल इत्यादि इत्यादि पत्तल इत्यादि इत्यादि पर लगे प्रतिबंध के प्रावधानों से अवगत करवाते हुए प्लास्टिक बैग एवं अन्य सामानों की खरीद बिक्री एवं भंडारण को समाप्त करने के चरणबद्ध कार्यक्रम से अवगत करवाते हुए सहयोग एवं सहभागिता का आवाहन किया गया साथ ही ऐसा ना करने पर दण्डात्मक प्रावधानों से अवगत कराया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक नागेश्वर सिंह मुख्य विकास अधिकारी सत्येंद्र नाथ चौधरी चौधरी अपर जिलाधिकारी विजय बहादुर सिंह एसडीएम अमित राठौर सहित सभी सम्बंधित अधिकारी मौजूद थे।