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स्वच्छता अभियान के लिए शौचालय बने स्टोर, लोगों ने बाथरूम तो कहीं कबाड़खाना बना रखा

locationऔरैयाPublished: Oct 07, 2017 05:33:50 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

स्वच्छता अभियान के लिए शौचालय बने स्टोर, लोगों ने बाथरूम तो कहीं कबाड़खाना बना रखा

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औरैया. मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान मिशन को ग्राम प्रधान पता लगाने में लगे हुए हैं। स्वच्छता मिशन के तहत बनाए जा रहे शौचालय निर्माण के लिए दो किस्तों में कुल 12000 रुपए दिए जा रहे हैं लेकिन प्रधान स्वयं ठेकेदार बनकर 7- 7 हजार रुपए में घटिया ईटों और मसाले के निर्माण से शौचालय का निर्माण करा रहे हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप खुले में शौच से मुक्ति के लिए जो अभियान चलाया जा रहा है उस अभियान के उलट पूर्वा पिताराम में कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है।
लोग अभी भी खुलेआम शौच जा रहे हैं । कहीं-कहीं तो शौचालय के नाम पर ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा भी किया जा रहा है प्रधानों की मनचाही के कारण ज्यादातर ग्राम पंचायतों में इसी तरीके से शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। ऐसी बानगी है जनपद के विधूना विकास खंड की ग्राम पंचायत पुर्वा पिताराम में जहां एक ओर केंद्र सरकार की योजना स्वच्छ भारत के तहत शौचालय बनवाये जा रहे है। गरीब वर्ग के लोगों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छता के तहत शौचालय बनवाए गए हैं । जिनमें से अधिकांश शौचालय बंद पड़े हुए तथा कुछ शौचालय में अभी तक शौच क्रिया की सीट नहीं रखी गई है। जिससे लोगों ने अपना सामान आदि भर रखा है। जहां एक और ओडीएफ के तहत स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । वही अधिकांश लोग शौचालय को स्नानागार बनाए हुए हैं। कुछ में तो ताले पड़े हुए हैं ग्राम प्रधान द्वारा लगभग 144 शौचालय बनवाए गए हैं , जिनमें से कई शौचालय बंद पड़े हैं कई अधूरे हैं कुछ लोगों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने शौचालय सभी ठेकेदारों के माध्यम से बनवाए हैं जिनमें से सरकार द्वारा ₹12000 मिलते हैं, जिनमें से ठेकेदारों के माध्यम से मात्र 7000 रुपये का ठेका लेकर काम किया है जिससे कई का तो प्लास्टर आदि टूटने लगा है।
कुछ लोगो ने सही न बनने का एतराज भी किया गया था लेकिन ठेकेदरों के दबाव के चलते बनबा दिए गए है। ग्रामीडो ने बताया कि सही ढंग से न बने होने के कारण हम लोग खुले में शौच क्रिया के लिए जाते है। और नाजने कितने लोगों के अभी शौचालय बने भी नहीं है।
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