कोरोना रिपोर्ट आई नेगेटिव…
उसकी मौत रविवार देर रात हुई। मरीज के सैंपल की कोरोना जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने शव को सुरक्षित रखा था। उसके सैंपल की जांच के लिए पटना भेजा गया था। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। उसका इलाज पहले पूर्णियां सदर अस्पताल में चल रहा था। बेहतर इलाज के लिए मरीज को मायागंज अस्पताल रेफर किया गया। तबीयत नहीं सुधरने पर उसे जेएलएनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में ले जाया गया। यहां उसे लगातार खून की उल्टियां होती रही। रविवार रात उसकी अंततः मौत हो गई।
परिजनों ने लगाया यह आरोप…
अस्पताल प्रशासन के अनुसार पूर्णियां जिले के डगरुआ निवासी मो.ज़ाहिद की मौत के बाद उसके शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया। परिजनों का आरोपी हैं कि डॉक्टरों ने ज़ाहिर के इलाज में भारी लापरवाही दिखाई। उसका सही तरीके से इलाज किया नहीं गया।
सूबे के विभिन्न अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में संदिग्ध मरीजों की मौत के सिलसिले का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। इसे लेकर अब तक विभिन्न अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में रखे गए मरीजों की मौत की वज़ह बेशक कोरोना संक्रमण नहीं हो पर यह लगभग तय हो गया है कि कोरोना संक्रमण के खतरों की वज़ह से अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में रखे गए संदिग्ध मरीजों के चिकित्सीय निगरानी और इलाज में भारी कोताही बरती जा रही है। पिछले दिनों पटना के दो बड़े अस्पतालों में भी कोरोना संदिग्धों की मौतों के बाद यही आरोप लगे। यह और बात है कि रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई।
गया में हुआ था शर्मसार करने वाला कांड…
उधर गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत 24वर्षीया महिला की मौत अधिक रक्तस्राव के बाद हो गई। महिला के साथ वार्डब्वाय और एक चिकित्सक ने जबरन यौनाचार तक किया था। जिलाधिकारी ने मामला उजागर होने के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी वार्डब्वाय और चिकित्सक को गिरफ्तार करवाया। हालांकि इन सब के बावजूद अस्पतालों में कोरोना के भय से मरीजों की सही देखभाल न हो पाने की शिकायतें लगातार आ रही हैं और संदिग्ध दम तोड़ते जा रहे हैं। आरोप यह भी लगाए जा रहे हैं कि मरे मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव बताने का सरकारी गोलमाल किया जा रहा है।