आदिवासी बाहुल्य जिले में सुपोषण अभियान शुरू करने के बाद जिले का सुपोषण 25 प्रतिशत हो गया है जो काबिले तारीफ है। यहां के बच्चों, शिशुवती, गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी के माध्यम से सुपोषित थाली जिसमें रोटी, चांवल, दाल, हरी सब्जी, अंडा, अंकुरित अनाज, मूंगफली, गुड़ के लड्डू परोसे जा रहे हैं।