- पयुर्षण की शुरुआत, आठ दिन श्रावक रखेंगे कठिन व्रत और भौतिकवादी सुख सुविधाओं से बनाएंगे दूरी
इन पांच कर्तव्यों का करेंगे पालन
- अहिंसा-- हिंसा से दूर रहना, मंदिर तक भी नंगे पांव आना ताकि जाने अनजाने में कोई जीव हिंसा न हो
- सधार्मिक भक्ति- अगर समाज का कोई व्यक्ति आपके यहां आया है तो उसे सम्मान देना
- ब्रह्मचर्य --भौतिक सुख, सुविधाओं से दूर रहना
- क्षमापना--- क्षमा का भाव रखना, क्षमा मांगना
- चैत्य परिपाटी-- सभी मंदिरों के दर्शन करना