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Budget 2016: बड़ी कारों पर 20% एक्साइज ड्यूटी के पक्ष में Auto Industry

Published: Feb 27, 2016 01:59:00 pm

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आॅटो इंडस्ट्री को इस  Union Budget 2016 से काफी अपेक्षाएं भी हैं। आइए आगामी बजट से आॅटो सेक्टर की इन अपेक्षाआें पर जरा डालते हैं एक नजर



भारतीय सड़कों के लिए हर साल 24 मिलियन वाहनों का निर्माण किया जाता है। भारतीय आॅटोमेटिव मिशन प्लान 2016-2026 में आॅटो इंडस्ट्री का लक्ष्य 18.9 ट्रिलियन रुपए रखा गया है। इन बड़े आंकड़ों को देखते हुए आगामी केंद्रीय Union Budget 2016 को लेकर आॅटो इंडस्ट्री में काफी उत्साह है।

भारतीय सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन से आॅटो मेकर्स आशान्वित हैं कि वे यहां कम कीमतों में वाहनों का निर्माण कर सकेंगे। इस तरह 29 फरवरी को आने वाला Union Budget 2016 आॅटो इंडस्ट्री के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है।

लेकिन साथ ही साथ आॅटो इंडस्ट्री को इस Union Budget 2016 से काफी अपेक्षाएं भी हैं। आइए आगामी बजट से आॅटो सेक्टर की इन अपेक्षाआें पर जरा डालते हैं एक नजर

एक्साइज ड्यूटी में कमी हो
सोसायटी आॅफ इंडियन आॅटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) बजट 2016 में बड़ी कारों आैर SUV पर एक्साइज ड्यूटी कम कराना चाहती है। SIAM के मुताबिक बजट 2016 में ये एक्साइज ड्यूटी 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दी जाए।

सिआम के डायरेक्टर विष्णु माथुर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हम छोटी आैर बड़ी कारों के लिए दो अलग-अलग रेट्स चाहते हैं।

3 प्रकार की एक्साइज ड्यूटी है अभी
चार मीटर से छोटी कारों पर 12.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लागू है। इसी प्रकार चार मीटर से बड़ी व 1500 cc से ज्यादा पाॅवर वाली कारों पर 27 प्रतिशत आैर 170 mm से ज्यादा ग्राउंड क्लियरेंस वाली कारों पर 30 प्रतिशत की एक्साइज ड्यूटी लागू है।

पुराने वाहन पर इंसेंटिव
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मॅन्युफॅक्चरर्स (SIAM) ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से कहा है कि बजट 2016 में पुराने वाहनों के स्क्रैप का निस्तारण करने के लिए इंसेंटिव स्कीम जारी की जाए। एेसा करने से प्रदूषण के स्तर में कमी आने की संभावना व्यक्त की गर्इ है।

जीएसटी लागू हो
जीएसटी लागू होने के बाद सभी राज्यों में एक समान टैक्स व्यवस्था लागू हो जाएगी जिसमें जैसे रोड टैक्स, आर एंड डी टैक्स आैर आॅक्ट्राॅय जैसे इनडायरेक्ट टैक्स शामिल हैं।

कम हों ब्याज दरें
अगर आगामी केंद्रीय बजट-2016 में ब्याज दरें कम की जाती हैं तो इससे लोग वाहन खरीदने के लिए उत्साहित होंगे आैर बिक्री में बढ़ोतरी होगी।

भारत में बनें स्पेयर पार्ट
वाहनों के स्पेयर पार्ट्स की मैन्यूपफैक्चरिंग भारत में ही होने से उनकी मेंटेनेंस में कमी आएगी। कम मेंटिनेंस खर्च के कारण लोग वाहन खरीदने की आेर आकर्षित होंगे।


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