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सबसे पहले जानें क्या है बेस ट्यूब
बेस ट्यूब दरअसल किसी बड़े स्पीकर की तरह होती है, लेकिन ये किसी स्पीकर से कहीं ज्यादा पावरफुल होती है। बेस ट्यूब का इस्तेमाल स्पीकर्स के साथ में ही किया जाता है जिससे गानों का बेस बढ़ाया जा सके। ये बेस ट्यूब ज्यादातर कार के पिछले हिस्से में लगाई जाती है जिससे पूरी कार में इसका साउंड बराबर से पहुंचे।
ये होते हैं नुकसान
भयंकर वाइब्रेशन : कार में जब ज्यादा वॉल्यूम होता है तो वाइब्रेशन होने लगता है, दरअसल बेस्टयूब की भारी आवाज की वजह से तेज वाइब्रेशन ( base Tube Vibration ) होता है। वाइब्रेशन इतना ज्यादा होता है कि कार का फ्रेम भी हिलने लगता है। ऐसे में कार के इंटीरियर में लगे हुए डिवाइस भी वाइब्रेट करने लगते हैं। कार में वाइब्रेशन अगर ज्यादा हो तो डिवाइस खराब हो जाते हैं। ऐसे में बेस ट्यूब कार के डिवाइसेज के लिए खतरनाक होता है।
कार का फ्रेम होता है कमज़ोर : बेस टूब के साउंड से बनने वाले भयंकर वाइब्रेशन की वजह से कार का फ्रेम कमज़ोर होने लगता है। दरअसल वाइब्रेशन फ्रेम के जॉइंट्स को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, इसकी वजह से फ्रेम में दरारें भी आ सकती हैं या फिर ये खतरनाक तरीके से टूट भी सकता है।
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कार के शीशों में आती है दरार : बेस ट्यूब ( Base Tube ) का साउंड इतना ज़्यादा होता है कि अगर आप कार के शीशे बंद करके चलाते हैं तो शीशे टूटने का डर रहता है। अगर शीशे नहीं भी टूटते हैं तो इनमें दरारे आ सकती है।