दिल्ली सरकार के एक आदेश में कहा गया है कि किराए पर ली गई टैक्सियों, ओला से 110 और उबर से 91, गैर-महत्वपूर्ण और गैर-Covid-19 रोगियों को अस्पतालों से ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा । मतलब यह है कि अब दिल्ली सरकार एंबुलेंस की कमी को पूरी करने के लिए ओला और उबर की मदद लेगी जिससे मरीजों को बिना समय गवाएं अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। खास बात यह है कि किराए पर ली गई इन कैब्स का इस्तेमाल खासतौर से कोरोना पॉजिटिव या फिर को रोना लक्षण वाले मरीजों को लाने ले जाने के लिए किया जाएगा।
एम्बुलेंस वाहनों के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली टैक्सियों को कैट्स डायरेक्टर के तहत रखा जाएगा जो केंद्रीकृत दुर्घटना और ट्रामा सर्विसेज (कैट्स) एंबुलेंस के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं ।
ऐसा निर्णय कोरोनावायरस रोगियों को ढोने के लिए कैट्स एंबुलेंस की अधिक मांग को देखते हुए लिया गया जिसके कारण अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की सेवा के लिए अधिक वाहनों की जरूरत थी।
दिल्ली सरकार के इस फैसले से ओला कैब चालकों को एक बार फिर से रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही कोरोनावायरस के नए मामलों को जल्द से जल्द अस्पताल में पहुंचाया जा सकेगा जिससे उनका इलाज शुरू हो सके और इस वायरस को फैलने से भी रोका जा सके। दिल्ली सरकार अब कोरोनावायरस से लड़ने के लिए हर तरीका अपना रही है ऐसे में देखकर तो यही लगता है कि दिल्ली में जल्द ही कोरोना कंट्रोल में आ जाएगा।