ऐसी नंबर प्लेट्स लगाई जाएंगी, जिनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं का जा सकती है। ये नंबर प्लेट्स टेंपर प्रूफ होंगी और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स एचएसआरपी (HSRP) से लैस होंगी। आइए जानते हैं किन-किन नियमों के पालन करके अब नंबर प्लेट्स लगाई जा सकती हैं।
भारत में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स को लगभग दस साल पहले अनिवार्य किया गया था, लेकिन अब तक भारत के बहुत से राज्यों में ये ठीक से लागू नहीं हुआ है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क के साथ सिक्योरिटी लाइसेंस प्लेट और अन्य जरूरी सामग्री वाहन बनाने वाले द्वारा दी जाएगी।
भारत में 1 जनवरी 2019 के बाद बनने वाले सभी वाहनों पर ये लागू किया जाएगा। अब कार निर्माता कंपनियां और उनके डीलर्स गाड़ियों पर नंबर प्लेट्स पर रजिस्ट्रेशन मार्क लगाएंगी। रजिस्ट्रेशन मार्क लगने के बाद डीलर इन नंबर प्लेट्स को पुरानी गाड़ियों में भी लगा सकते हैं। कुछ नियमों में बदलाव के बाद हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स लगाई जा रही हैं। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार् मंत्रालय ने आम नागरिकों से 10 मई तक उनकी राय मांगी है। इसके जरिए सेंट्रल मोटर व्हीकल नियम 1989 में संशोधन किया जा सकता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि अब जल्द ही गाड़ियां नंबर प्लेट्स के साथ आनी शुरू हो जाएंगी और फोर व्हीलर्स में इसकी कीमत को भी जोड़ा जाएगा। अब नंबर प्लेट 15 साल की गारंटी के साथ आएंगी। वर्तमान में सभी राज्यों में अलग-अलग संस्थाएं नंबर प्लेट्स बनवाती हैं। जिसमें ऑफिशियल रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। राज्यों के डिस्ट्रिक्ट लेवल के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस लाइसेंस प्लेट नंबर जारी करते हैं।