कैसे होगा टेस्ट?
बता दें, अभी तक सिर्फ आधार कार्ड वाले आवेदक ही इस सुविधा का लाभ ले सकते थे, वहीं अब इसे बिना आधार वाले आवेदकों तक पहुंचाया जा रहा है। इस प्रक्रिया के लिए परिवहन विभाग ने एक खास तरह का रोबोटिक टेस्टिंग ट्रैक तैयार किया है, इस ट्रैक पर आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। वहीं अगर टेस्ट के दौरान आवेदक कोई गलती करता है तो सॉफ्टवेयर उसे तुरंत पकड़ लेगा। जिसे ध्यान में रखकर ही टेस्ट का परिणाम जारी किया जाएगा। बता दें, परिवहन विभाग की योजना है कि अगले दो साल के भीतर 10 आटोमेटिक टेस्टिंग प्राइवेट स्टेशन तैयार करने की है।
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अन्य राज्यों में भी शुरू हुई पहल
हाल ही में यह देखा गया है कि पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के एजेंट इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों को अपने आधार कार्ड की एक प्रति आवेदन के साथ लगानी आवश्यक है, वहीं एक आरटीओ अधिकारियों ने कहा कि आधार कार्ड की फोटोकॉपी को ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन फॉर्म में लगाना अनिवार्य नहीं है। यानी मोटर वाहन संशोधन विधेयक (2019) लोकसभा में पारित हो गया है, लेकिन राज्यसभा की आखिरी बाधा को पार करना अभी बाकी है। देखना होगा कि यूपी में शुरू हुई कि 100 दिन की इस योजना में बिना आधार डीएल का क्या परिणाम सामने आता है।