इस मौके पर एक अधिकारी ने कहा कि ड्राइविंग टेस्ट शाम 5 बजे से शाम 7 बजे के बीच ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर आयोजित किया जाएगा। बता दें, सरकार ने अप्रैल के अंत में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का ट्रायल शुरू किया था, जिसके बाद गहलोत ने इसका औपचारिक रूप से अब उद्घाटन किया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि विभाग ने 12 ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक स्थापित करने के लिए मारुति सुज़ुकी फाउंडेशन को जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही सभी 12 ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के देखरेख की जिम्मेदारी रोसमेर्टा टेक्नोलॉजी लिमिटेड को दी गई है।
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सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की नई पहल से कार्यालय जाने वाले लोग अपने कार्यालय समय के बाद डीएल परीक्षण के लिए जा सकेंगे। वहीं गहलोत ने कहा कि “दिल्ली सरकार हमेशा जनता की मांगों के प्रति उत्तरदायी रही है और हमारा दृढ़ विश्वास है] कि हमारे नागरिकों को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करें। हमारे पास एक सफल पायलट और कुछ बहुत खुश ड्राइवर थे जो शाम के Test की सुविधा के कारण अपने मूल्यवान दिन के काम के घंटे बचा सके। हम पहले ही 1 मई से शाम/रात की पाली में 2500+ डीएल टेस्ट कर चुके हैं। इनमें से शकूरबस्ती में 855 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक किया था। इसी तरह मयूर विहार में करीब 855 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक किया था।
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इसके अलावा, DL Test के टोकन वितरण के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (ईक्यूएमएस) भी स्थापित किया गया है, जिसके अनुसार ही आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट से गुजरना होगा जिसमें उनका टोकन जेनरेट किया गया है। इसके लिए छह सर्वर लगाए गए हैं, जो पूरी तरह से वीडियो की जांच करेंगे और पारदर्शी तरीके से जांच के नतीजे देंगे। इस टेस्ट का परिणाम सारथी स्वत: ही सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर देगा। ड्राइविंग टेस्ट को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से आयोजित करने में सक्षम बनाने के लिए सभी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर पर पर दस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।