scriptफिल्म रिव्यू : इम्प्रेसिव नहीं है कालाकांडी की ब्लैक कॉमेडी | Kaalakaandi Movie Review | Patrika News

फिल्म रिव्यू : इम्प्रेसिव नहीं है कालाकांडी की ब्लैक कॉमेडी

locationमुंबईPublished: Jan 19, 2018 01:27:58 pm

अक्षत वर्मा निर्देशित डिफरेंट अंदाज की यह फिल्म मनोरंजन के लिहाज से ज्यादा असरदार नहीं है

Kaalaakandi

Kaalaakandi

राइटिंग-डायरेक्शन : अक्षत वर्मा
स्टार कास्ट : सैफ अली खान , अक्षय ओबेरॉय, कुणाल रॉय कपूर, विजय राज, दीपक डोबरियाल, सोभिता धूलिपाला, ईशा तलवार, शेनाज ट्रेजरीवाला, अमायरा दस्तूर, नील भूपलम
म्यूजिक : समीर उद्दीन
सिनेमैटोग्राफी : हिम्मन धामीजा
रेटिंग : 2 स्टार


आर्यन शर्मा, जयपुर। सैफ अली खान की पिछले साल आईं फिल्में रंगून और शेफ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही। ऐसे में सैफ को अपनी नई फिल्म कालाकांडी से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि इसमें वह डिफरेंट अवतार में हैं, लेकिन लगता है कि यह ब्लैक कॉमेडी भी सैफ की बॉक्स ऑफिस पर स्थिति में कोई सुधार नहीं कर पाएगी। दरअसल, अक्षत वर्मा निर्देशित डिफरेंट अंदाज की यह फिल्म मनोरंजन के लिहाज से ज्यादा असरदार नहीं है। फिल्म में सैफ के अलावा दीपक डोबरियाल, कुणाल रॉय कपूर, अक्षय ओबेरॉय, विजय राज और सोभिता धूलिपाला भी अहम किरदारों में हैं। एक्सपेरिमेंटल सिनेमा की झलक दिखाने वाली इस फिल्म में एंटरटेनमेंट के एलिमेंट्स की कमी खलती है, वहीं फिल्म में अंग्रेजी संवादों की भरमार है, जो अखरते हैं। साथ ही स्क्रिप्ट अधपकी खिचड़ी जैसी है।


कहानी
कालाकांडी की कहानी मॉनसून की एक रात में छह लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है। ये छह लोग दो-दो की जोड़ी में हैं और इस तरह तीन ट्रैक समानांतर चलते हैं। हालांकि इन सबका आपस में कोई कनेक्शन नहीं है। लेकिन निर्देशक ने इन किरदारों के साथ होने वाले इंसिडेंट्स को रोचक अंदाज में पिरोने का प्रयास किया है, जिससे रात के अंधेरे में बरसात के बीच दौड़ती-भागती जिंदगी की ये तीनों कहानियां कनेक्ट होती नजर आती हैं।


एक्टिंग
सैफ का किरदार मस्ती से भरपूर है, जिसमें वह कम्फर्टेबल दिखे हैं। उनकी हेयरस्टाइल और अजीब गेटअप क्यूरोसिटी पैदा करता है। विजय राज और दीपक डोबरियाल की जुगलबंदी गुदगुदाती है। सोभिता धूलिपाला अपनी एक्टिंग से प्रभावित करती हैं, वहीं कुणाल रॉय कपूर और अक्षय ओबेरॉय ने भी अच्छा काम ? किया है। सपोर्टिंग कास्ट की परफॉर्मेंस भी ठीक है।


डायरेक्शन
अक्षत वर्मा की राइटिंग से सजी फिल्म डेल्ही बेली को यूथ ने काफी पसंद किया था। कालाकांडी में भी राइटर-डायरेक्टर अक्षत ने वही फ्लेवर डालने की कोशिश की है, लेकिन इसके बावजूद उलझी स्क्रिप्ट के कारण यह ट्रैक से भटकती नजर आती है। स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले टाइट नहीं हैं। चूंकि स्टोरी एडल्ट है, लिहाजा इसमें डायलॉग्स भी काफी बोल्ड हैं। साथ ही अब्यूज वड्र्स भी इस्तेमाल किए गए हैं। सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है। गीत-संगीत अच्छा नहीं है, लेकिन बैकग्राउंड स्कोर स्टोरी से मैच करता है।

क्यों देखें
फिल्म दर्शकों के एक वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ऐसे में हर दर्शक इससे कनेक्ट नहीं होता। कास्टिंग अच्छी है, लेकिन क्लाइमैक्स दमदार नहीं है। ऐसे में अगर आप बोल्ड संवादों के साथ डार्क कॉमेडी पसंद करते हैं तो ही यह फिल्म देखने जाएं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो