अभी तक देश में bs4 नॉर्म्स वाले वाहनों की ही बिक्री की जा रही थी और 31 मार्च तक इन वाहनों को बेचा जा सकता है।अपने बचे हुए स्टॉक को क्लियर करने के लिए कंपनियां bs4 वाहनों पर भारी डिस्काउंट भी ऑफर कर रही हैं।
दरअसल bs6 वाहन bs4 वाहनों की तुलना में कई मायनों में काफी अलग और बेहतर है यही वजह है कि अब इन वाहनों की ही बिक्री देशभर में की जाएगी। तो आज इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से bs6 वाहन bs4 वाहनों से अलग और बेहतर होते हैं।
सबसे पहले जो अंतर bs6 वाहनों में देखने को मिलता है वह अंतर इसकी हेडलाइट में है,दरअसल bs6 वाहनों की हेडलाइट bs4 वाहनों की हेडलाइट से अलग है। बीएफ सेक्स वाहनों की हेडलाइट में एक डीआरएल यानी डेटाइम रनिंग लाइट दी जाती है जो हर वक्त जलती रहती है। इस लाइट को लगाने का मकसद ड्राइवर्स की सेफ्टी को सुनिश्चित करना है।
अगर डिजाइन की बात करें तो bs6 वाहनों के डिजाइन को bs4 वाहनों जैसा ही रखा गया है लेकिन b6 वाहनों के वजन को कम किया गया है जिससे इंजन पर दबाव कम पड़ता है।
अगर इंजन की बात करें तो bs6 वाहनों का इंजन bs4 वाहनों के इंजन की तुलना में बेहद कम प्रदूषण करता है क्योंकि इसे बनाने में खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। आपको बता दें जहां bs4 वाहनों मैं सल्फर उत्सर्जन का लेवल 50 है तो वही बी एस सिक्स वाहनों में यह लेवल महज 10 पॉइंट हो गया है।