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नये ट्रैफिक नियम के अनुसार जुर्माना नहीं वसूलने वाले राज्यों को भुगतना पड़ेगा ये अंजाम

Published: Jan 07, 2020 12:02:22 pm

Submitted by:

Vineet Singh

बहुत से राज्य ऐसे हैं जिन्होंने इस नियम को मानने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियम ना मानने वाले राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है।

New Traffic Rules

New Traffic Rules

नई दिल्ली: साल 2019 से ट्रैफिक नियमों ( traffic rules ) में संधोधन हो गया है, जिसके बाद से चालान की रकम भी बढ़ा दी गई है। कई राज्यों में तो नये मोटर वाहन ( संशोधन ) कानून-2019 को लागू कर दिया गया है लेकिन बहुत से राज्य ऐसे हैं जिन्होंने इस नियम को मानने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियम ना मानने वाले राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है।

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सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने जुर्माने की राशि में कमी करने वाले राज्यों को स्पष्ट कहा है कि ऐसा करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। केंद्र के नियमों ना मानकर जो राज्य जुर्माने की बढ़ी हुई रकम नहीं वसूल रहे हैं उन राज्यों में जल्द ही राष्ट्रपति शासन ( president rule ) लगाया जा सकता है जिसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को बढ़ी हुई जुर्माने की रकम चुकानी पड़ेगी।

जो राज्य बढ़ी हुई जुर्माने की रकम नहीं वसूल रहे हैं उनमें उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक और असम समेत सात राज्य शामिल हैं। अन्य तीन राज्य झारखंड, केरल और मणिपुर हैं। इन राज्यों को इस संबंध में सोमवार को केंद्र की ओर से पत्र भेज दिया गया है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के कानून को दरकिनार कर जुर्माना कम करने वाले राज्यों में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो सकता है। कानून मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई राज्य केंद्र के इस दिशा-निर्देश का पालन नहीं करता है तो वह संविधान के अनुच्छेद 356 के दायरे में आ सकता है। और इसी आधार पर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

नये ट्रैफिक नियमों को मानने से इनकार करने वाले राज्यों को पत्र भेजने से पहले केंद्रीय कानून मंत्रालय से भी इस मामले पर राय ली गई है। आपको बता दें कि कानून मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि मोटर वाहन कानून ( Motor Vehicle Act ) संसद की ओर से पारित किया गया है और उस कानून में जो जुर्माना तय किया गया है उसे कोई भी राज्य तब तक कर सकता है जब तक उस कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल जाए।

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि सड़क पर कानून तोड़ने वालों के लिए जो जुर्माने में भारी बढ़ोतरी की गई थी, उसका उद्देश्य सरकारी खजाना भरना नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है। राज्य सरकार चाहे तो केंद्र द्वारा तय किये गए जुर्माने को बढ़ा सकती है, घटाने का अधिकार उसे नहीं है।

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