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इस स्कूटर की खासियत ये है कि ये अपने आप ज़मीन पर स्टैंडिंग पोजीशन में रहता है और इसके लिए आपको स्कूटर में स्टैंड लगाने या फिर इसे किसी सहारे से लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। यह स्कूटर आपकी सोंच से कहीं ज्यादा हाईटेक है तो चलिए आप भी जान लीजिए कि और किन खासियतों से लैस है ये स्कूटर।
फीचर्स
आपको बता दें कि ये स्कूटर वॉइस कमांड सिस्टम से लैस है और आप अपनी आवाज़ से ही इसे कंट्रोल कर सकते हैं। ख़ास बात ये है कि इस वॉइस कमांड से ही इस स्कूटर को पार्क भी किया जा सकता है और आसानी से इसे पार्किंग से बाहर भी निकाला जा सकता है। इसे आईआईटी मद्रास से पासआउट इंदौर के रहने वाले विकास पोद्दार और आईआईटी खड़गपुर से पासआउट उज्जैन के आशुतोष उपाध्याय ने तैयार किया है।
हादसे रोकने में मददगार
यह स्कूटर अपने आपको खुद ही बैलेंस कर लेता है इसलिए सड़क पर इसे चलाने के दौरान आप दुर्घटनाओं का शिकार होने से बच सकते हैं क्योंकि ज्यादातर दुर्घटनाएं बाइक या स्कूटर का बैलेंस बिगड़ने की वजह से होती हैं। ऐसे में ये स्कूटर खुद ही बैलेंस हो जाता है और आपको पैर को ज़मीन पर रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
विकास के मुताबिक, इससे भीड़ भरी सड़कों पर गाड़ी चलाना आसान होगा। हमारे प्रोजेक्ट के लिए आरंभिक पूंजी लाइगर मोबिलिटी के संस्थापकों ने लगाई। आईआईटी मुंबई से हमें दो राउंड में फंडिंग मिली। अब हम इसके प्रोडक्शन और लॉन्चिंग की तैयारी में लगे हैं।
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यह स्कूटर आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस ( artificial intelligence ) तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक में गाड़ी में लगे सेंसर गाड़ी से जुड़े डेटा प्रोसेसर को भेजते हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल करता है। यह प्रति सेकंड एक हजार से ज्यादा बार होता है, ताकि स्कूटर बंद रहे तब भी बगैर स्टैंड के संतुलित खड़ा रहे।