जब भी किसी को कार खरीदनी होती है, वे कार के शोरूम में जाने के बजाय आसपास के लोगों से कार लेने पर विचार कर लेते हैं और उनकी बातों पर यकीन कर कार खरीद लेते हैं।
बजट है महत्वपूर्ण कार खरीदने से पहले हमें अपनी जरूरतों और बजट को ध्यान में रखना चाहिए। उपभोक्ता अक्सर स्टाइल और सुनी-सुनाई बातों में आकर अपने बजट से ऊपर चले जाते हैं और महंगी कार लेने से नहीं हिचकिचाते। उन्हें बाद में अपनी गलती का एहसास होता है।
इसके लिए आप सबसे पहले यह तय करें कि आसानी से कितना रुपया खर्च कर सकते हैं। अपने परिजनों से भी चर्चा कर सकते हैं। अगर हैच बैक कार लेने की सोच रहे हैं तो आपको समझना होगा कि इन कारों के मॉडल में 20-30 हजार रुपए तक का अंतर आता है। इसलिए कार खरीदने से पहले बिना हिचकिचाए सेल्समैन से इस मामले पर चर्चा करें।
मॉडल और उसके फीचर हर मॉडल और उसके फीचर के बारे में विस्तार से जानें और उनके बीच का फर्क समझें। इसके बाद अपनी जरूरत के फीचर को देखते हुए कार का चुनाव करें। कार खरीदने से पहले ये तय कर लें कि आपकी जरूरत किस साइज की कार पूरी कर सकती है।
मेंटिनेंस पर विचार कहा जाता है कि कार को खरीदना आसान है लेकिन मेंटेन करना मुश्किल है। इसलिए जरूरी है कि कार खरीदने से पहले मेंटिनेंस पर विचार कर लेना चाहिए। पुरानी कार अक्सर नई कारों की अपेक्षा ज्यादा सस्ती साबित होती हैं, क्योंकि पुरानी लॉन्च गाड़ियों के पार्ट्स आसानी से कम दामों पर उपलब्ध हो जाते हैं।
उदाहरण के लिए मारुति की अल्टो को आई टेन की तुलना में मेंटेन करना ज्यादा आसान है, इसलिए कार का चुनाव करने से पहले कंपनी द्वारा दी जा रही फ्री मेंटिनेंस स्कीमों को भी ध्यान में रखना चाहिए जो आमतौर पर ज्यादा किफायती साबित होती हैं।
माइलेज कार खरीदने से पहले माइलेज पर विचार करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। वर्तमान में नई तकनीकों के चलते एक ही कार कई इंजन में उपलब्ध होती है, इसलिए सैल्समैन से इस मामले में जरूर बात करें।
वहीं डीजल इंजन, पेट्रोल की तुलना में ज्यादा किफायती होता है, लेकिन डीजल इंजन लेना तब ज्यादा कारगर होता है जब आप करीब 100 किमी का सफर तय करते हों। गर्मियों में ऐसे रखें अपनी कार का ध्यान, शान से दौड़ेगी आपकी गाड़ी