रोल्स रॉयस का कहना है कि एमईपीएस ( MEPS ) को लेटेस्ट सेंसर और नैनोफिलेस फिल्ट्रेशन तकनीक का उपयोग करते हुए बनाया गया है। MEPS गाड़ी के अंदर बैठे व्यक्ति की हानिकारक कार्बन, वायरस और बैक्टीरिया जैसे दूषित पदार्थों से रक्षा करता है. ये नया घोस्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से बने MEPS का इस्तेमाल करके इस प्रक्रिया को अंजाम देगा। कंपनी का कहना है कि अत्यधिक संवेदनशील अशुद्धता का पता लगाने वाले सेंसर लगातार प्रदूषण के स्तर का पता लगाते हैं. प्रदूषण होने पर ये ऑटोमैटिक सर्कुलेशन मोड में चले जाते हैं।
इसके बाद दो मिनट के अंदर ही अल्ट्रा-फाइन कणों, वायरस और बैक्टीरिया को नैनोफ्लेसी फिल्टर से टाउट किया जाता है। दुनिया भर के शहरों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए कई कार निर्माताओं का कार में एयर फिल्ट्रेशन सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया है।
कई लोगों ने अपने वाहनों के अंदर यात्रियों को ताजा और स्वच्छ हवा प्रदान करने में लेटेस्ट तकनीक की पेशकश करने के बड़े दावे किए हैं. हुंडई ने हाल ही में तीन नई एयर-कंडीशनिंग तकनीकों का अनावरण किया है, जो सभी इन-केबिन हवा में काफी सुधार लाने का दावा करते हैं। इसके बाद रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी कार निर्माता कंपनी भी इस तकनीक पर जोर शोर से काम कर रही है।