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इस अभियान में टोल प्लाजा को विशेष रूप से ध्यान में रखा जा रहा है। फास्टैग की सुविधा लागू हो जाने के बाद यातायात की बड़ी बाधा से बहुत हद तक छुटकारा पाया जा चुका है। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल एकत्र करने के लिए पिछले महीने की 15 तारीख को फास्टैग की सुविधा लागू की गई थी।
दरअसल सुरक्षित ड्राइविंग को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है जिससे इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर हादसों के आंकड़ों को कम किया जा सके। केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि गति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सड़कों का वर्गीकरण किया गया है। हालांकि कुछ स्थानों पर खतरे के चलते गति नियंत्रण आवश्यक होता है। स्पीड ब्रेकर हटाते समय इसे ध्यान में रखा जाएगा। स्पीड ब्रेकर हटाने का काम नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( NHAI ) द्वारा किया जा रहा है।
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आपको बता दें कि मंत्रालय को भी यह बात पता है कि हाइवे पर स्पीड ब्रेकर ( speed breaker ) होने की वजह से यहां से गुजरने वाले यात्रियों को कई तरह की दिक्कतें होती हैं। इससे समय तो नष्ट होता ही है, वाहन को नुकसान भी पहुंचता है। इसके अलावा बार-बार स्पीड कम-ज्यादा करने से ईंधन की खपत भी बढ़ जाती है। स्पीड ब्रेकर हटने से वाहन को एक समान गति में चलाया जा सकेगा, जिससे यात्रा में लगने वाले समय और लागत दोनों की बचत होगी। सरकार की यह कवायद एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं के लिए बहुत लाभकारी होगी।