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BS6 Norms in India : कहीं आपने भी तो 31 मार्च के बाद नहीं खरीदा कोई BS-4 वाहन, हो जाएगी बड़ी दिक्क्त

Published: Jul 08, 2020 02:36:41 pm

Submitted by:

Vineet Singh

BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की इजाजत की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ ओटोमोबील डीलर एसोसिएशन (FADA) को फटकार लगाई है।

Supreme Court of India Cancelled Registration of BS4 Vehicles

Supreme Court of India Cancelled Registration of BS4 Vehicles

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court of India ) ने बीएस 4 वाहनों की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-IV (BSIV) वाहनों पर दिए अपने 27 मार्च 2020 के आदेश को वापस ले लिया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब 31 मार्च के बाद बिके BSIV वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। ऐसे में जिन भी लोगों ने ये वाहन खरीद लिए हैं उन्हें काफी दिक्कत हो जाएगी। ( BS4 vehicles ) ( BS6 ) ( BS6 Norms ) ( New BS6 Norms in India )
BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की इजाजत की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ ओटोमोबील डीलर एसोसिएशन (FADA) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि देश में एक तय संख्या में वाहनों को बेचने की अनुमति दी गई. लेकिन कार निर्माता कंपनियों ने इसका गलत फायदा उठाया है. इसीलिए हम अपना पुराना आदेश वापस ले रहे है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
31 मार्च के बाद बिकी बीएस-4 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपना 27 मार्च का आदेश वापस ले लिया है. मतलब साफ है कि अगर बिक्री 31 मार्च से पहले हुई तो ही रजिस्ट्रेशन होगा. अगर डीलर ने e vahan पोर्टल पर डाटा अपलोड नहीं किया तो बिक्री नहीं मानी जाएगी। ये ग्राहकों के लिए बड़ा झटका है।
क्या है मामला-27 मार्च को BSIV वाहन बेचने के लिए कंपनियों को 10 दिन का और वक्त दिया गया था। लॉकडाउन के चलते बिक्री करने के लिए 10 दिन का वक्त मिला था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारे आदेश के साथ फ्रॉड किया गया है.सु प्रीम कोर्ट ने कंपनियों को 105000 गाड़ियां बेचने की अनुमति दी थी. लेकिन ऑटो कंपनियों ने 10 दिन के अंदर 255000 गाड़ियां बेच दी।
क्या होता है बीएस (What is BS Norms in India)

बीएस का मतलब है भारत स्टेज. इसका संबंध उत्सर्जन मानकों से है। भारत स्टेज उत्सर्जन स्टैंडर्ड खासतौर पर उन 2-व्हीलर और 4-व्हीलर्स के लिए हैं। जिन्हें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तय करता है।
अगर आसान शब्दों में कहें तो ये वाहन कम पॉल्यूशन करेंगे। आपको बता दें कि भारत सरकार ने साल 2000 से बीएस उत्सर्जन मानक की शुरुआत की थी. भारत स्टेज यानी भारत स्टैंडर्ड मानदंड यूरोपीय नियमों पर आधारित है।
बीएस-6 के आने से क्या होगा (What does it mean BSVI means for India )

वाहन कंपनियां जो भी नए हल्के और भारी वाहन बनाएंगी, उनमें फिल्टर लगाना जरूरी हो जाएगा।
बीएस-6 के लिए विशेष प्रकार के डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर की जरूरत होगी।
इसके लिए वाहन के बोनट के अंदर ज्यादा जगह की जरूरत होगी। नाइट्रोजन के ऑक्साइड्स को फिल्टर करने के लिए सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन (एसआरसी) तकनीक का इस्तेमाल अनिवार्य तौर पर करना होगा।

हवा में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। हवा में जहरीले तत्व कम हो सकेंगे जिससे सांस लेने में सुविधा होगी। बीएस 4 के मुकाबले बीएस 6 में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ काफी कम होंगे।

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