क्या आप भी उनमें से हैं जिन्हें ये लगता है कि चालान से वसूली जा रही धनराशि ट्रैफिक पुलिस वालों की जेब में जा रही है। अगर आपको भी ऐसा लगता है तो आप बिल्कुल गलत हैं और आप हकीकत से कोसों दूर हैं। क्योंकि आपसे वसूला जाने वाला चालान आपके ही काम आता है। तो चलिए आज हैं कि आप से वसूले जाने वाले चालान की धनराशि का इस्तेमाल किन जगहों पर किया जाता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में : सरकार चालान से वसूली जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल सड़कें, बिजली, पानी की व्यवस्था को ठीक करने का काम करती है यहां तक कि कई बार इस चालान की राशि का इस्तेमाल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
फ्री हेलमेट : आपने कई बार देखा होगा कि जब भी आप हेलमेट नहीं पहनते हैं तो ट्रैफिक पुलिस वाले आपको फ्री में हेलमेट देते हैं, और सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि बहुत सारे लोगों को ट्रैफिक पुलिस की तरफ से फ्री में हेलमेट दिए जाते हैं।
इतना वसूला गया है चालान नये ट्रैफिक नियम लागू होने के बाद अब तक बेंगलुरु में 72 लाख 49 हजार 900 रुपये, हरियाणा और ओडिशा में 1.41 करोड़ रूपये का चालान वसूला जा चुका है जिसका इस्तेमाल देश के लिए जरूरी कार्यों को अंजाम देने के लिए किया जाएगा।
लोग क्यों तोड़ते हैं ट्रैफिक नियम ट्रैफिक नियम तोड़ना जैसे लोगों की आदत बन गई है, लोग जल्दबाज़ी के चक्कर में ट्रैफिक लाइट जम्प करते हैं, बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाते हैं कई बार तो गाड़ी का इंश्योरेंस भी खत्म हो जाता है उसके बाद भी गाड़ी चलाते हैं लेकिन चालान भरने के नाम पर ट्रैफिक पुलिस को क़ानून सिखाते हैं। अगर लोगों को ये बात समझ आ जार कि ट्रैफिक नियम का पालन करने से आप ही सुरक्षित रहेंगे तो सब ठीक से चलेगा और यही बात लोगों को समझाने के लिए चालान बढ़ाया गया है।
हर रोज़ 98 हेलमेटलेस राइडर्स की होती है मौत आपको ये जानकर झटका लगेगा लेकिन हर रोज़ हेलमेट ना पहनने की वजह से 98 लोगों की मौत हो जाती है, इसके बाद भी लोग फैशन की वजह से हेलमेट नहीं पहनते हैं और एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं।
बिना सीटबेल्ट की वजह से रोज़ जाती है 15 लोगों की जान जानकारी के मुताबिक़ भारत में 75 परसेंट, ड्राइवर, पैसेंजर्स, को-पैसेंजर्स कार में सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं जिसकी वजह से हर रोज़ तकरीबन 15 लोगों की मौत हो जाती है। इसके बावजूद अक्सर लोग कार में सीटबेल्ट पहनना भूल जाते हैं।
मोरल ऑफ़ द स्टोरी ये है कि सरकार को आपसे चालान वसूलने का कोई शौक नहीं है और अगर आप खुद ही ज़िम्मेदार हो जाएं तो सरकार को आपको ट्रैफिक नियम सिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपको भी इतने भारी भरकम चालान से मुक्ति मिल जाएगी।
जुर्माना या ज़िम्मेदारी क्या चुनेंगे आप…..!