scriptइस एक तरकीब से 50% तक घट जाएगी Diesel की कीमत! नितिन गडकरी का दावा | Using methanol in diesel reduce price by 50 percent says Nitin Gadkari | Patrika News

इस एक तरकीब से 50% तक घट जाएगी Diesel की कीमत! नितिन गडकरी का दावा

locationनई दिल्लीPublished: Apr 13, 2022 02:45:57 pm

Submitted by:

Ashwin Tiwary

गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के साथ अधिक आसानी से उपलब्ध और सस्ते ईंधन को एक्सप्लोर करना जरूरी हो गया है। उन्होंने दावा किया कि मेथनॉल डीजल से काफी सस्ता है और डीजल इंजन को मेथनॉल से चलने वाले इंजन में बदलने के लिए तकनीक पहले से ही उपलब्ध है।

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Using methanol in diesel can reduce fuel price by 50 percent claims Nitin Gadkari

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि प्योर पारंपरिक जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) के बजाय मेथनॉल का उपयोग करने से ईंधन की लागत 50 प्रतिशत तक कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधन स्रोतों, विशेष रूप से मेथनॉल का उपयोग अब अत्यंत आवश्यक हो गया है, ताकि पारंपरिक फ्यूल पर निर्भरता कम की जा सके। बता दें कि, सरकार इस दिशा में तेजी से काम भी कर रही है, यही कारण है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी भी दी जा रही है ताकि लोग पेट्रोल-डीजल की खपत को कम किया जा सके।


गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के साथ अधिक आसानी से उपलब्ध और सस्ते ईंधन को एक्सप्लोर करना जरूरी हो गया है। उन्होंने दावा किया कि मेथनॉल डीजल से काफी सस्ता है और डीजल इंजन को मेथनॉल से चलने वाले इंजन में बदलने के लिए तकनीक पहले से ही उपलब्ध है। गडकरी ने कहा कि एक स्वीडिश कंपनी पहले ही डीजल इंजन को मेथनॉल इंजन में बदलने के लिए तकनीक का आविष्कार कर चुकी है।

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गडकरी ने यह भी बताया कि डीजल से मेथनॉल में बदलाव से असम अच्छी तरह से लाभान्वित होने के लिए तैयार है। वर्तमान में असम प्रति दिन 100 टन मेथनॉल का उत्पादन करता है और दैनिक उत्पादन को 500 टन तक बढ़ाया जा सकता है। डीजल के विकल्प के रूप में मेथनॉल पर जोर देने के अलावा, गडकरी ने यह भी कहा कि जलमार्ग सड़क मार्ग का एक सस्ता विकल्प हो सकता है। उनके अनुसार, यदि सड़क मार्ग से परिवहन की लागत 10 रुपये है, तो रेलवे द्वारा इसे घटाकर 6 रुपये किया जा सकता है और जलमार्गों के माध्यम से यह राशि घटकर महज 1 रुपये रह जाती है।


यह पहली बार नहीं है जब नितिन गडकरी ने वैकल्पिक और हरित ईंधन के उपयोग की वकालत की है। वह लंबे समय से पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में जैव ईंधन, इथेनॉल और मेथनॉल का उपयोग करने की बात कह रहे हैं। ऑटो उद्योग भी पेट्रोल और डीजल का उपयोग करने के बजाय ग्रीन और वैकल्पिक फ्यून समाधानों का उपयोग करने के विचार की खोज कर रहा है। बीते कुछ महीनों में ख़ासकर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है, देश के कई राज्यों में ईंधन की कीमत शतक का आंकड़ा पार कर चुकी है।

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