पैरों से दिव्यांग श्रद्धालु ने की 15 किलोमीटर की लम्बी परिक्रमा मंगलवार को प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर आस्था की नगरी अयोध्या में अद्भुत दृश्य दिखाई दिया जब 86 साल की शांति देवी अपने 12 साल के पुत्र के सहारे डंडा लेकर परिक्रमा मार्ग पर चलती हुई नजर आई ,पूछने पर कहती हैं कि बीते 40 वर्षों से अयोध्या में परिक्रमा करने आ रही हैं जब तक शरीर में जान है तब तक भगवान की सेवा में ऐसे ही परिक्रमा करती रहेंगी .26 साल के दिव्यांग युवक सुरेश कुमार शारीरिक रूप से अशक्त है चलने फिरने में दिक्कत भी होती है लेकिन यह ईश्वर और अपने आराध्य के प्रति अगाध श्रद्धा और आस्था ही है कि डंडा लेकर सहारे के जरिए वह अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा को पूरा कर रहे हैं .आपको बता दें की पंचकोसी परिक्रमा अयोध्या के चतुर्दिक की जाती है और इस परिधि में अयोध्या के लगभग 6000 छोटे बड़े बड़े मंदिर आते हैं इन्हें मंदिरों में भगवान राम लला का दरबार भी है . पौराणिक मान्यता के अनुसार एक ही परिक्रमा में अयोध्या के सभी मंदिरों की परिक्रमा हो जाती है इसीलिए हर वर्ष देवोत्थान एकादशी के दिन मां शरीर में स्नान कर श्रद्धालु पंचकोसी परिक्रमा करते हैं और इस वर्ष भी आयोजन पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ चल रहा है .