विवाह के दौरान भगवान राम और मां-सीता पीले रंग के ड्रेस पहने हुए थे। उन्होंने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। उसके बाद विवाह संपन्न हुआ। प्रतीक के रूप में दोनों की मूर्तियों को रखा गया था। ब्राह्मण मंत्र पढ़ रहे थे।
राम बारात में शामिल होने वाली महिलाओं ने भजन पर डांस किया। हर कोई झूम रहा था। राम बारात में शामिल होने के लिए संतों और महंतों को खास तौर पर बुलाया गया था। कुछ संत घराती बने, तो कुछ बाराती बने।
रामनगरी के अन्य मंदिरों में शाम को बरात और रात में विवाहोत्सव की धूम रही। रूदौली के श्रीराम विवाह समिति नयागंज की बरात शहर के प्रमुख मार्गों से होकर निकली। मोहल्ला मलिकजादा, रामबाड़ी कटरा, टेढ़ीबाजार, पुराना बाजार में जगह-जगह रामबरात का स्वागत किया गया। भगवान राम और मां सीता के विवाह के अवसर पर रामलला को 56 भोग लगाया गया।