कोरोनावायरस के कारण धार्मिक स्थलों पर भी प्रभाव डाल दिया है लगातार बढ़ रहे पॉजिटिव मरीजों की संख्या के कारण सभी धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों को बंद करने का निर्देश है वही राम की नगरी अयोध्या जो मंदिरों की नगरी भी मानी जाती है। लॉक डाउन के चलते श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है तो वही मंदिरों में चल रहे हजारों वर्ष पुरानी परंपरा दर्शनार्थियों के प्रवेश ना होने के कारण टूटती हुई नजर आ रही है जिसको लेकर पूर्व में इस महामारी के कारण अयोध्या का प्रसिद्ध मेला श्री राम जन्मोत्सव रामनवमी मेला को भी स्थगित करना पड़ा था।
राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी है यहां की परंपरा भी बहुत ही पुरानी है एक तरह से यह साधु व मंदिरों की नगरी है। लेकिन इस बार इस नदी की परंपरा रही है टूट चुका है वही बताया कि देश में बहुत बड़ी-बड़ी समस्याएं आई और अयोध्या में कर्फ्यू तक भी लगाया गया लेकिन कभी भी बिना भक्तों के भगवान का मंदिर खाली नहीं रहा हर जगह भक्तों का नजारा बना रहता था लेकिन इस बार हर जगह मंदिर भक्त बिना खाली पड़े हैं यही नहीं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी में भगवान राम का ही जन्म उत्सव धूमधाम से नहीं मनाई जा सका इसको लेकर भक्तों में दुख है।